शिवपुरी

पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने की किसानों से चर्चा,बोले स्वावलंबी बनें,दूसरों से उम्मीद न करें

पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने की किसानों से चर्चा,बोले स्वावलंबी बनें,दूसरों से उम्मीद न करें

शिवपुरीNov 19, 2018 / 08:46 pm

monu sahu

पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने की किसानों से चर्चा,बोले स्वावलंबी बनें,दूसरों से उम्मीद न करें

शिवपुरी। किसान हर चीज के लिए सरकार की तरफ क्यों देखता है,जबकि वो साल के 365 दिन काम करता है। आप दूसरों से उम्मीद करने की बजाए स्वावलंबी बनें। जब हम कर्जा लेते हैं तो परेशानी वहीं से शुरू हो जाती है। यह बात सोमवार को ग्वालियर चंबल संभाग के जिला शिवपुरी के टूरिस्ट विलेज में पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने किसानों से चर्चा के दौरान कही। साथ ही उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे जैविक खाद का उपयोग करके न केवल अपनी जमीन बचा सकते हैं, बल्कि अच्छी क्वालिटी के अनाज का उत्पादन करके लोगों के स्वास्थ्य की भी सुरक्षा कर सकते हैं।
 

 

पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने किसानों से सवाल किया कि आखिर इस देश में किसान ही आत्महत्या क्यों कर रहा है?,कोई दूसरा काम करने वाला व्यक्ति ऐसा कदम क्यों नहीं उठाता?। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारा लागत पर नियंत्रण नहीं है और उसे हम लगातार बढ़ाते जा रहे हैं। जबकि रसायनिक खाद महंगी होने के साथ ही फसल के उत्पादन व स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही है। साथ ही आपके साथ बाजार से लेकर मंडी में बेइमानी की जाती है, जिस वजह से लागत तो बढ़ती है,लेकिन उसका प्रतिफल नहीं मिल पाता। श्री कोठारी ने किसानों को समझाईश दी कि आप अपने खेत पर 10 गाय पालें और उससे होने वाले गोबर की खाद बनाएं।
 

जैविक खाद का उपयोग करने से आपके खेत की मिट्टी की उर्वरकता भी बढ़ेगी,साथ ही उससे होने वाले अनाज के उत्पादन की गुणवत्ता भी सुधरेगी। उन गायों से मिलने वाला दूध आपके बच्चों को सात्विक विचार देगा। अन्यथा आज अनाज व दूध की जगह हमें जहर ही मिल रहा है। श्री कोठारी ने कहा कि आप अपने बच्चों के साथ चौपाल या घर में बैठकर बातचीत करें, क्योंकि वे बच्चे आज मोबाइल व इंटरनेट पर हैं। आप अपने जैविक उत्पादन की जानकारी को इंटरनेट पर डालें तो उसकी मांग बढ़ेगी,क्योंकि आज लोग मिलावटखोरी से दूर होकर शुद्धता को पसंद कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने समझाया कि यदि जमीन कम है तो आप अपनी इच्छाओं को भी सीमित रखकर उससे अधिक से अधिक उत्पादन कैसे ले सकते हैं,इस पर विचार करें,न कि दूसरे किसान के ट्रैक्टर को देखकर कर्ज आदि में फंसकर अपना सिरदर्द बढ़ाएं। क्योंकि एक बार जब कर्जा ले लिया तो फिर उसे चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
 

इस दौरान श्री कोठारी ने किसान संघ के आंदोलन का जिक्र करते हुए बताया कि हमने किसान नेताओं से बातचीत करके उसे कैसे खत्म करवाया। साथ ही उन्होंने गुर्जर आंदोलन के संबंध में भी किसानों से चर्चा की। वहां मौजूद बिजरावन के किसानों ने बताया कि हम अपने गांव में जैविक खाद का उपयोग कर रहे हैं।
 

 

बीज बनना पड़ेगा,तभी अगली पीढ़ी को फल दे सकेंगे
टूरिस्ट विलेज के गार्डन में शहर के प्रबुद्धजनों से चर्चा करते हुए पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने कहा कि आज के दौर में हर व्यक्ति अपना सुख देख रहा है,जबकि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी की चिंता करना चाहिए कि हम उसे विरासत में क्या छोडक़र जाएंगे। उदाहरण देते हुए श्री कोठारी ने कहा कि जिस तरह से बीज जमीन में गडऩे के बाद पेड़ बनता है और उसमें यह इच्छा नहीं होती कि वो उसका फल पाए। इसी तरह हमें भी अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए निर्णय लेना होगा।
 

चुनावी माहौल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव पार्टियों का नहीं होता, बल्कि मतदाता का होता है, क्योंकि वो प्रत्याशी को अपने हर पैमाने पर नापतौल कर देखता है। मतदाता को चुनाव के समय ही नहीं, पूरे पांच साल तक जागरुक रहना पड़ेगा। हमारी पकड़ नेताओं व ब्यूरोक्रेसी पर कम होती जा रही है। कईऐसे निर्णय हो रहे हैं, जो जनहित में नही हैं, फिर भी जनता कोईविरोध नहीं कर रही। किसी भी आंदोलन में जब तक जनता नहीं जुड़ती, वो सफल नहीं होता। श्री कोठारी ने कहा कि इस बार चुनाव में युवा वोटर की संख्या 40 से 50 प्रतिशत है, जो अपने भविष्य व दस साल बाद उसे क्या मिलेगा, इसे देखकर वोट करेगा।
 

जब शहर के प्रबुद्धजनों ने कहा कि ऐसे मुद्दे दूसरे मीडिया हाउस क्यों नहीं उठाते?, तो श्री कोठारी ने कहा कि जो मीडिया आपकी बात नहीं कर रहा, उस चैनल को देखना बंद कर दो। आप 3 माह टीवी नहीं देखेंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन वो चैनल वाला आपके घर आ जाएगा। तब उससे कहें कि गलत जगह से पैसा लेकर हमें गलत चीजें क्यों दिखा रहे हो। उन्होंने राजस्थान में पत्रिका द्वारा चलाए गए काला ताला, अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि जनता उससे जुड़ी तो वो आंदोलन सफल हुआ और सरकार को अपना कदम वापस लेना पड़ा। श्री कोठारी ने कहा कि अमेरिका, इंग्लेंड में एक ही धर्म है, इसलिए वहां कोई दिक्कत नहीं। हमारे देश में भी पहले ऐसी स्थिति नहीं थी, लेकिन नेताओं ने जाति-वर्ग में बांट कर, बरसों से एक साथ रहने वाले परिवारों को आपस में दुश्मन बना दिया।
 

उन्होंने कहा कि जो चीज हमें अच्छी लगती है तो जिस तरह से हम सामूहिक रूप से उसका स्वागत करते हैं, उसी तरह जो हमें गलत लगे, उसका सामूहिक रूप से विरोध भी करना चाहिए। शहर के प्रबुद्धजनों से श्री कोठारी ने कहा कि आप लोग 40 या 50 लोगों की एक टीम बनाएं और हर महीने कम से कम एक बैठक कर शहर के मुद्दों पर चर्चा करें, जिसमें हमारी पत्रिका की स्थानीय टीम भी शामिल रहेगी। आपकी आवाज पत्रिका बनेगी।
 

अमोला विस्थापितों की सुनीं समस्याएं
शिवपुरी से दतिया जाते समय प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का नया अमोला में स्थानीय लोगों ने स्वागत किया। पेड़ के नीचे जब श्री कोठारी ने चौपाल लगाई तो ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि हमें विस्थापित करने के बाद सरकार ने कुछ भी नहीं दिया और न ही जनप्रतिनिधि हमारी कोई बात सुन रहे। जबकि हम इस उम्मीद में उन्हें हर चुनाव में एकतरफा वोटदेते हैं कि शायद कभी तो हमारी सुनवाई होगी।
 

श्री कोठारी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि आपकी हर पीड़ा को पत्रिका उठाएगी तथा आपकी आवाज जिम्मेदारों तक पहुंचाएगी। श्री कोठारी का करैरा के सिल्लारपुर तिराहा एवं दिनारा में सर्किट हाउस पर स्थानीय लोगों ने फूल-माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया।
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