अपनी मांगों को लेकर नर्सेज की हड़ताल चल रही है। पिछले दिनों मेडिकल कॉलेज में पदस्थ नर्सों में ज्ञापन देकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी, लेकिन आज जिला अस्पताल में पदस्थ लगभग 150 नर्सेज ज्ञापन देकर व नारेबाजी करके अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं। नर्सों के हड़ताल पर जाते ही जिला अस्पताल के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो गईं। क्योंकि डॉक्टर तो भर्ती मरीज को दवा व इंजेक्शन लिख देते हैं, लेकिन उसे समय पर देना व लगाने की जिम्मेदारी तो नर्स की ही होती है। अब जबकि वार्डों में नर्स ही नहीं हैं तो वहां भर्ती मरीज भगवान भरोसे ही उपचार करवा रहे हैं। ऐसे में जब वार्डों में नर्स ही नहीं हैं, तो वहां भर्ती मरीजों की स्वास्थ्य सेवाएं भी भगवान भरोसे ही संचालित हो रही हैं।
महज 20 संविदा नर्स, कैसे सुधरेेंगे हालात
जिला अस्पतल में पदस्थ 150 नर्सों के हड़ताल पर जाने की वजह से उनकी जगह संविदा नर्सों की ड्यूटी लगाई जा रही है, लेकिन उनकी संख्या महज 20 ही है। इतनी कम नर्सें जिला अस्पताल के सभी वार्डों में सेवाएं कैसे दे पाएंगीं?। यह सवाल सिविल सर्जन को भी परेशान किए हुए है, इसलिए उन्होंने सीएमएचओ को पत्र देकर अंचल के अस्पतालों में पदस्थ एएनएम को जिला अस्पताल में बुलाए जाने की मांग की है।
&लगभग डेढ़ सौ नर्स हड़ताल पर चली गईं, ऐसे में सभी व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। संविदा की 20 नर्सेज के अलावा अंचल की एएनएम को बुलाए जाने के लिए सीएमएचओ को पत्र दिया है। किसी तरह व्यवस्थाएं कर रहे हैं, लेकिन समस्या तो बढ़ गई है।
राजकुमार ऋषिश्वर, सिविल सर्जन जिला अस्पताल शिवपुरी