टोलप्लाजा पर ऐसे बिगड़ी स्थिति
जानकारी के मुताबिक पूरनखेड़ी टोलप्लाजा पर सोमवार की दोपहर बाद एक के बाद एक 14-15 वाहन ओवरलोड पाए जाने के बाद उन्हें प्लाजा की लाइन में लगाने को कहा गया तो लाइन में न लगाते हुए, हाइवे पर ही खड़े रहे। इसी बीच ओवरलोड को लेकर दोनों पक्षों के बीच नियम-कानून की बातें चलती रहीं और बहसबाजी के चलते जाम लम्बा खिंच गया। हाइवे पर वाहनों सहित आमजनों की भीड़ लग जाने से काफी देर तक हंगामा होता रहा। टोलप्लाजा वालों का कहना था कि एनएचएआई का रुल है कि ओवरलोड वाहनों से 10 गुना अधिक रेट से टैक्स वसूला जाए।
इसी नियम के अनुसार टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन ट्रांसपोर्टर का कहना था कि ट्रांसपोर्टर कमिश्नर ने बढ़े रेट के बीच टैक्स कम लेने का आदेश जारी किया है, इसी आदेश के अनुसार टोल लिया जाए, लेकिन वाहन मालिक ट्रांसपोर्टर कमिश्नर को लिखित आर्डर नहीं दिखा पाए। वाहन मालिक जो नियम कानून बता रहे थे वह केवल मुंह जवानी ही थे जिसे टोल प्लाजा के अधिकारी कतई मानने तैयार नहीं हुए जिससे हाइवे पर दो घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।
दोनों पक्षों को समझाइश देकर हटवा दिया जाम
जाम लगने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से चर्चा करने के बाद उन्हें समझाइश दी कि नियम में जो है उसका पालन करें और जाम हटाएं अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जाम हटा लिया गया।
सतीश सिंह चौहान, टीआई कोलारस
जाम लगने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों से चर्चा करने के बाद उन्हें समझाइश दी कि नियम में जो है उसका पालन करें और जाम हटाएं अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद जाम हटा लिया गया।
सतीश सिंह चौहान, टीआई कोलारस
जो गलत हो उसे सजा मिलना चाहिए
सोमवार को प्लाजा पर 15 वाहन ओवरलोड पाए गए। एनएचएआई का नियम है कि ओवरलोड वाहनों से 10 गुना अधिक टैक्स वसूला जाए। हम तो इसी नियम के पालन में टैक्स ले रहे थे, लेकिन वाहन मालिकों ने जाम लगा दिया। यदि हमारी गलती है तो हमारे खिलाफ कार्रवाई करो, यदि वाहन मालिकों की गलती है तो उनके खिलाफ सड़क जाम करने की कार्रवाई होना चाहिए।
विनोद कुमार मलिक, इंचार्ज, टोलप्लाजा पूरनखेड़ी
नियम अनुसार 10 टन की परमिशन दी गई है, यदि वाहन मालिक 11 टन वजन ले जाते हैं तो एक टन की उन्हें रियायत दी गई है, लेकिन रजिस्ट्रेशन में इसका सुधार होना चाहिए, क्योंकि रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन है, फिर भी ऐसा कुछ है तो मैं दिखवाए लेती हूं।
मधु सिंह, आरटीओ शिवपुरी
ओवरलोड से टूटती है सड़क, इसलिए बना नियम
ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने के लिए एनएचएआई ने इसके खिलाफ सख्त कानून बनाया है। ओवरलोडिंग वाहन पर दस गुना अधिक यानि पांच हजार से लेकर दस हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाता है। एनएचएआई की दलील है कि ओवरलोड वाहनों से सड़क टूटती है, पुल-पुलियाओं पर लोड पडऩे से कमजोर होती हैं इसलिए रोड सुधारने में पैसा खर्च होता है।