हॉलमार्क से क्यों चिंतित हैं ज्वैलर्स
अभी तक सोने-चांदी के जेवरात में ज्वैलर्स दूसरी धातुओं का मिश्रण अधिक करके आमजन से उसके दाम पूरे वजन के वसूल करते रहे हैं। उदाहरण स्वरूप 5 ग्राम की एक सोने की अंगूठी में साढ़े तीन ग्राम सोना लगाकर उसमें डेढ़ ग्राम अन्य धातु को मिक्स करके अंगूठी बना दी और ्रग्राहक से दाम पूरे 5 ग्राम सोने के वसूल कर लिए। लेकिन होलमार्क लगने के बाद उसमें 92 प्रतिशत सोना होने की सील लगाकर देने के साथ ही उसमें उतना सोना उपयोग करना ही होगा। अब ज्वैलर्स इसलिए चिंतित हैं कि वो अभी तक जितने दाम वसूल रहे थे, उतना ही सोना या चांदी ग्राहक को जेवर के रूप में देनी पड़ेगी।
अभी तक सोने-चांदी के जेवरात में ज्वैलर्स दूसरी धातुओं का मिश्रण अधिक करके आमजन से उसके दाम पूरे वजन के वसूल करते रहे हैं। उदाहरण स्वरूप 5 ग्राम की एक सोने की अंगूठी में साढ़े तीन ग्राम सोना लगाकर उसमें डेढ़ ग्राम अन्य धातु को मिक्स करके अंगूठी बना दी और ्रग्राहक से दाम पूरे 5 ग्राम सोने के वसूल कर लिए। लेकिन होलमार्क लगने के बाद उसमें 92 प्रतिशत सोना होने की सील लगाकर देने के साथ ही उसमें उतना सोना उपयोग करना ही होगा। अब ज्वैलर्स इसलिए चिंतित हैं कि वो अभी तक जितने दाम वसूल रहे थे, उतना ही सोना या चांदी ग्राहक को जेवर के रूप में देनी पड़ेगी।
आमजन को ऐसे होगा लाभ
अभी तक लोगों को यह पता नहंीं होता था कि उसके द्वारा बनवाए गए जेवर में कितना प्रतिशत सोना या चांदी है। दुकानदार उसमें दूसरी धातुओं की अधिक मिलावट करके ग्राहक से पूरे वजन के सोने के दाम वसूल करता था। ऐसे में जब लोग अपने जेवर को बेचने आते थे तो ज्वैलर्स या सुनार उसमें मौजूद सोने की मात्रा के अनुरूप ही उसके दाम देता था। ऐसे में आमजन को नुकसान झेलना पड़ रहा था। अब जबकि होलमार्क लगा होने से उसमें सोने या चांदी का प्रतिशत तय होगा, तो फिर जब लोग अपना जेवर किसी कारणवश बेचेंगे तो उसके दाम भी उन्हें पूरे मिल सकेंगे।
अभी तक लोगों को यह पता नहंीं होता था कि उसके द्वारा बनवाए गए जेवर में कितना प्रतिशत सोना या चांदी है। दुकानदार उसमें दूसरी धातुओं की अधिक मिलावट करके ग्राहक से पूरे वजन के सोने के दाम वसूल करता था। ऐसे में जब लोग अपने जेवर को बेचने आते थे तो ज्वैलर्स या सुनार उसमें मौजूद सोने की मात्रा के अनुरूप ही उसके दाम देता था। ऐसे में आमजन को नुकसान झेलना पड़ रहा था। अब जबकि होलमार्क लगा होने से उसमें सोने या चांदी का प्रतिशत तय होगा, तो फिर जब लोग अपना जेवर किसी कारणवश बेचेंगे तो उसके दाम भी उन्हें पूरे मिल सकेंगे।
अंचल के ज्वैलर्स हो जाएंगे खत्म
सोने-चांदी की दुकानें जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण अंचल में भी हैं, लेकिन वो होलमार्क का रजिस्ट्रेशन करवाकर उसके अनुरूप काम करना मुश्किल हो जाएगा। इतना ही नहीं जिला मुख्यालय के ज्वैलर्स भी होलमार्क के साथ जेवर बनाए जाने की ट्रेनिंग लेने ग्वालियर के होलमार्क सेंटर पर जाना पड़ेगा। ऐसे में ग्रामीण अंचल के ज्वैलर्स नहीं कर पाएंगे तो उनकी दुकानदारी जरूर प्रभावित होगी।
प्योरिटी बढ़ेगी
हॉलमार्क का नियम अच्छा है ओर यह आमजन के लिए अधिक फायदे का रहेगा। क्योंकि उन्हें उतना ही सोना या चांदी ज्वैलरी में मिलेगा, जितना वे दाम देंगे। 31 जुलाई तक स्टॉक खत्म करने की बात कही जा रही है, लेकिन सहालग में लॉकडाउन रहने से माल इतनी जल्दी खत्म कैसे हो पाएगा। सरकार का यह कदम बहुत अच्छा है।
सचिन खंडेलवाल ज्ैलर्स शिवपुरी
हॉलमार्क का नियम अच्छा है ओर यह आमजन के लिए अधिक फायदे का रहेगा। क्योंकि उन्हें उतना ही सोना या चांदी ज्वैलरी में मिलेगा, जितना वे दाम देंगे। 31 जुलाई तक स्टॉक खत्म करने की बात कही जा रही है, लेकिन सहालग में लॉकडाउन रहने से माल इतनी जल्दी खत्म कैसे हो पाएगा। सरकार का यह कदम बहुत अच्छा है।
सचिन खंडेलवाल ज्ैलर्स शिवपुरी