पुलिस की जांच में सामने आया कि शासकीय जमीन पर कब्जा करने तथा उस पर अपना घर बनाने के लिए आरोपी आराम उर्फ बोना ओझा, इन्द्रसेन के ट्रैक्टर से अपने पुराने घर की पाटे उतरवाकर मजदूरों की मदद से लाया था। घटना वाले दिन सुबह 10.30 बजे ट्रैक्टर खड़ा करके शासकीय जमीन पर एक पाट उतरवाई तभी राधे का भाई मुन्ना व भतीजा लह्लू यादव आ गए, जिन्होंने आराम ओझा से कहा कि यह जमीन हमारी है, तुम इन पाट को आगे बढ़ाकर अपनी जमीन में उतारो। इस पर आराम उर्फ बोना ओझा ने कहा कि पाट तो यहीं उतरवाऊंगा तथा यहीं घर बनाऊंगा।
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मुन्ना यादव ने ट्रैक्टर चालक इन्द्रसेन से कहा कि अपना ट्रैक्टर आगे बढ़ाकर बोना के खेत में खड़ा कर दे। जैसे ही इन्द्रसेन ने ट्रैक्टर को आगे बढ़ाया तो बोना गुस्से में बोला तुम्हे अभी ठिकाने लगाता हूं। इतना कहकर उसने पेट्रोल से भरी बोतल निकाल कर पास में खड़ी अपनी पत्नी रानी के सिर पर डालकर माचिस से आग लगा दी। रानी के
जलने पर आराम उर्फ बोना पीराहार की तरफ भागता चला गया तथा मौके पर मुन्ना यादव ने आग बुझाने की कोशिश की, जिसमें मुन्ना के हाथ झुलस गए, लेकिन आग नहीं बुझी और रानी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।
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पुलिस जांच में पति निकला आरोपी
बदरवास थाना प्रभारी राकेश शर्मा ने बताया कि आरोपी आराम उर्फ बोना ओझा द्वारा मौके पर मौजूद मुन्ना यादव, लल्लू यादव को झूठे केस में फंसाने की नीयत से गुस्से में आकर अपनी पत्नी को जलाकर हत्या करना जांच में पाया गया। आराम ओझा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे न्यायालय पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है।