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संवर जाए हवाई पट्टी तो यहां भी बन सकेंगे पायलेट

locationशिवपुरीPublished: Jul 11, 2021 11:13:03 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

पूर्व में संचालित था प्राइवेट एयरवेज ट्रेनिंग सेंटर, लाखोंं का भवन छोड़ गई कंपनी

संवर जाए हवाई पट्टी तो यहां भी बन सकेंगे पायलेट

संवर जाए हवाई पट्टी तो यहां भी बन सकेंगे पायलेट

शिवपुरी. शहर के झांसी रोड पर स्थित हवाई पट्टी पर केवल छोटा प्लेन उतर सकता है, क्योंकि इसकी लंबाई कम होने से यहां बड़ा प्लेन नहीं उतर सकता। हवाई पट्टी का एक बड़ा एरिया अभी भी खुला होकर महज तार फेंसिंग से कवर्ड है, जिसकी बाउंड्री का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी ने भेजा है। इस हवाई पट्टी पर लखनऊ की एक कंपनी ने एक साल तक डिग्री-डिप्लोमा कर चुके युवाओं को प्लेन का मेंटेनेंस व खराबी होने पर उसे सुधारने आदि की ट्रेनिंग दी थी, लेकिन एयर फोर्स ग्वालियर द्वारा प्लाइंग की परमीशन न दिए जाने से इस ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। अब चूंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बन गए हैं, तो यह उम्मीद की जा सकती है कि यदि शिवपुरी को एटीसी टॉवर व राडार लगवा दिया जाए तो यह ट्रेनिंग सेंटर फिर से शुरू हो सकेगा तथा शिवपुरी में भी पायलेट बन सकेंगे।
शिवपुरी की हवाई पट्टी पर पहले कभी प्लेन आया करते थे, लेकिन पिछले लंबे समय से यहां कोई प्लेन नहीं आया। पांच साल

पूर्व तक यहां प्लेन आते थे, लेकिन फिर हवाई पट्टी की गुणवत्ता ठीक न होने की वजह से यहां प्लेन उतरना बंद हो गए थे। इसक बाद हवाई पट्टी का लगभग 1 करोड़ से अधिक की राशि से मेंटेनेंस किया गया, परंतु उसके बाद यहां प्लेन उतरना ही बंद हो गए। शिवपुरी की हवाई पट्टी की लंबाई अभी 914 मीटर (डामर वाली) तथा चौड़ाई 22.84 मीटर है। जबकि बड़ा प्लेन उतरने के लिए हवाई पट्टी के रनवे की लंबाई डेढ़ किमी होना चाहिए। चूंकि इसके आगे भी पर्याप्त खाली जगह फोरेस्ट की है, जिससेे हवाई पट्टी की लंबाई को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा हवाई पट्टी के चारों तरफ फ्रंट साइड तो बाउंड्री है, जबकि पीछे की सााइड में 660 मीटर एरिया खुला होने तथा उसमें तार फेंसिंग होने से लोग आसानी से हवाई पट्टी पर आ जाते हैं। इतना ही नहीं हर रोज सुबह यहां पर लोग मॉर्निंग वॉक करने के साथ ही बाइक सवार स्टंट भी किया करते थे, इसके अलावा फुटबॉल आदि भी यहां लोग खेलते रहे हैं। यदि चारों तरफ से बाउंड्री हो जाएगी तो फिर हवाई पट्टी सुरक्षित हो जाएगी।
एक साल में ही बंद हो गया था ट्रेनिंग सेंटर
शिवपुरी की हवाई पट्टी पर एयर ङ्क्षहंद प्लाइंग क्लब वर्ष 2009 में शुरू किया गया था। लखनऊ उत्तरप्रदेश की एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस हामी कॉलेज की ब्रांच शिवपुरी में शुरू की गई थी, जिसमें डिग्री-डिप्लोमा कर चुके युवाओं को इसमें मेंटेनेंस के साथ-साथ प्लेन में आने वाली खराबी को कैसे दूर किया जा सकता है, इसकी ट्रेनिंग देने के लिए तीन 172 सेस्ना छोटे प्लेन भी यहां पर लाए गए थे। उनके लिए हैंगर भी बनाया गया तथा मेंटनेंस के संसाधन भी उपलब्ध कराए गए थे। एयरहिंद क्लब में युवाओं को पायलेट बनाए जाने की ट्रेनिंग देने की भी तैयारी थी तथा उसके लिए सिविल डायरेक्टर जनरल से तो परमीशन मिल गई थी, लेकिन एयर फोर्स ग्वालियर ने प्लाइंग की परमीशन नहीं दी थी। उसके पीछे एयर फोर्स का तर्क था कि हमारे फाइटर विमान अक्सर यहां से निकलते रहते हैं और इस दौरान यदि टेनिंग सेंटर का कोई छोटा प्लेन बीच में आया तो हादसा होना तय है। चूंकि यहां पर राडार आदि लगाया गया था, इसलिए गुजरने वाले प्लेन की सटीक जानकारी भी नहीं मिल पाती और हादसा संभव था। एयर फोर्स से परमीशन न मिलने तथा पायलेट ट्रेनिंग न दे पाने की वजह से वर्ष 2010 में इस ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। उस दौरान तीन दर्जन युवाओं को मेंटेनेंस की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
एटीसी टॉवर व राडार लग जाए तो बन सकेंगे पायलेट
हवाई पट्टी परिसर में ट्रेनिंग सेंटर संचालित करने वाली कंपनी का हैंगर व वर्कशॉप तो मौजूद है, लेकिन यहां पर अभी फ्लाइंग की परमीशन नहीं है। यदि यहां पर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टॉवर व राडार सिस्टम लग जाए तो फिर यहां पर फ्लाइंग ट्रेनिंग की जा सकेगी। क्योंकि इन दोनों सिस्टम से आसपास से गुजरने वाले दूसरे प्लेन की जानकारी मिल जाएगी तथा हादसे की आशंका खत्म हो जाएगी।
बाउंड्री बनाने का भेजा प्रस्ताव
हवाई पट्टी के पिछले हिस्से में 660 मीटर लंबाई में बाउंड्री कराए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा हवाई पट्टी का डामरीकरण फिर से किया जाएगा, क्योंकि हर पंाच साल में उसका मेंटेनेंस करना पड़ता है।
हरिओम अग्रवाल, एसडीओ पीडब्ल्यूडी शिवपुरी
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