शिवपुरी की हवाई पट्टी पर एयर ङ्क्षहंद प्लाइंग क्लब वर्ष 2009 में शुरू किया गया था। लखनऊ उत्तरप्रदेश की एयर क्राफ्ट मेंटेनेंस हामी कॉलेज की ब्रांच शिवपुरी में शुरू की गई थी, जिसमें डिग्री-डिप्लोमा कर चुके युवाओं को इसमें मेंटेनेंस के साथ-साथ प्लेन में आने वाली खराबी को कैसे दूर किया जा सकता है, इसकी ट्रेनिंग देने के लिए तीन 172 सेस्ना छोटे प्लेन भी यहां पर लाए गए थे। उनके लिए हैंगर भी बनाया गया तथा मेंटनेंस के संसाधन भी उपलब्ध कराए गए थे। एयरहिंद क्लब में युवाओं को पायलेट बनाए जाने की ट्रेनिंग देने की भी तैयारी थी तथा उसके लिए सिविल डायरेक्टर जनरल से तो परमीशन मिल गई थी, लेकिन एयर फोर्स ग्वालियर ने प्लाइंग की परमीशन नहीं दी थी। उसके पीछे एयर फोर्स का तर्क था कि हमारे फाइटर विमान अक्सर यहां से निकलते रहते हैं और इस दौरान यदि टेनिंग सेंटर का कोई छोटा प्लेन बीच में आया तो हादसा होना तय है। चूंकि यहां पर राडार आदि लगाया गया था, इसलिए गुजरने वाले प्लेन की सटीक जानकारी भी नहीं मिल पाती और हादसा संभव था। एयर फोर्स से परमीशन न मिलने तथा पायलेट ट्रेनिंग न दे पाने की वजह से वर्ष 2010 में इस ट्रेनिंग सेंटर को बंद कर दिया गया। उस दौरान तीन दर्जन युवाओं को मेंटेनेंस की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
हवाई पट्टी परिसर में ट्रेनिंग सेंटर संचालित करने वाली कंपनी का हैंगर व वर्कशॉप तो मौजूद है, लेकिन यहां पर अभी फ्लाइंग की परमीशन नहीं है। यदि यहां पर एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) टॉवर व राडार सिस्टम लग जाए तो फिर यहां पर फ्लाइंग ट्रेनिंग की जा सकेगी। क्योंकि इन दोनों सिस्टम से आसपास से गुजरने वाले दूसरे प्लेन की जानकारी मिल जाएगी तथा हादसे की आशंका खत्म हो जाएगी।
हवाई पट्टी के पिछले हिस्से में 660 मीटर लंबाई में बाउंड्री कराए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा हवाई पट्टी का डामरीकरण फिर से किया जाएगा, क्योंकि हर पंाच साल में उसका मेंटेनेंस करना पड़ता है।
हरिओम अग्रवाल, एसडीओ पीडब्ल्यूडी शिवपुरी