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एक और बेटी की हुई भू्रण हत्या, मां की तलाश

locationशिवपुरीPublished: Jan 25, 2019 11:25:07 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

गर्भपात का गोरखधंधा, अंचल सहित शहर में भी चल रहा गर्भपात का खेल
कांता की मृत बेटी का भ्रूण गांव में किया था दफन, एक दिन पहले डिब्बे में मिले भ्रूण की मां की तलाश जारी

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एक और बेटी की हुई भू्रण हत्या, मां की तलाश

शिवपुरी/बदरवास। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान भले ही सरकार चला रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी अस्पतालों में बेटियों को मारने का खेल खेला जा रहा है। बदरवास में बुधवार को बायपास रोड किनारे सरकारी अस्पताल के डिब्बे में मृत बेटी का शव मिलने के बाद जब अस्पताल का रिकार्ड आदि खंगाला गया तो उसमें कांता भील निवासी रामपुरी का नाम सामने आया। लेकिन मामला तब और उलझ गया, जब कांता से पूछताछ में पता चला कि उसकी मृत बेटी का भ्रूण तो उसके ही गांव के एक खेत में दफन किया गया। परिजनों की निशानदेही पर गुरुवार को वो भ्रूण जमीन में से निकाला गया। अब बड़ा सवाल यह है कि सरकारी अस्पताल के डिब्बे में अस्पताल की कॉर्डं लगी वो मृत बच्ची कौन है?, उसकी मां कहां है?। इस पूरे मामले से ऐसा लगता है कि शहर व कस्बों सहित अंचलभर में गर्भपात कर बेटियों को मारने का क्रम बदस्तूर जारी है।
ज्ञात रहे कि बदरवास बायपास रोड किनारे शासकीय अस्पताल के डिब्बे में बुधवार की सुबह एक मृत बालिका का भ्रूण मिला। पुलिस ने जब मामले की पतारसी की और अस्पताल के रिकार्ड को खंगाला तो वहां न केवल रामपुरी गांव की कांता भील मिली, बल्कि उसका नाम अस्पताल के रजिस्टर में कटा हुआ मिला। जब तक महिला से पूछताछ हो पाती, वो अस्पताल से चली गई। प्रथम दृष्टया उक्त मृत बच्ची की मां कांता को ही मान लिया गया और इस दिशा में जांच शुरू की।
गुरुवार की सुबह जब बदरवास पुलिस रामपुरी गांव पहुंची और कांता व उसके परिजनों से चर्चा की तो वहां नया खुलासा हुआ। परिजनों ने बताया कि भ्रूण हत्या के मामले में जब कांता पर शक हुआ तो अस्पताल में पीछे के रास्ते से मृत बच्ची के भ्रूण को परिजन गांव ले गए और वहां एक खेत में दफन कर दिया। परिजनों की निशानदेही पर जब मिट्टी को हटाया गया तो उसमें से एक बालिका का भ्रूण मिला। इससे यह तो तय है कि कांता के गर्भपात के बाद जो मृत भ्रूण था, वो गांव में ही दफन कर दिया गया। तो फिर बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल के डिब्बे में जो मृत बालिका का भ्रूण मिला, उसकी माँ कौन है?। साथ ही क्या अस्पताल में गर्भपात का यह खेल बेरोकटोक चल रहा है?, जिसमें सरकारी अस्पताल के सामान का ही उपयोग किया जा रहा है। बताया जाता है कि डिब्बे में जो मृत बालिका का भ्रूण मिला है, वो तीन दिन पुराना है। यानि बुधवार से दो दिन पूर्व भी बदरवास अस्पताल में गर्भपात किया गया।
अंचल सहित शहर में भी मिल चुके हैं कई भ्रूण
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ ही शासन ने अल्ट्रासाउंड से लेकर गर्भपात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। बावजूद इसके न केवल अंचल में बल्कि शिवपुरी शहर में ही कई जगह बेटियों की पहचान करने के साथ ही गर्भपात जैसा कृत्य भी किया जा रहा है। बीते एक वर्ष में शिवपुरी शहर में ही लगभग आधा दर्जन से अधिक ऐसे ही भ्रूण कभी नाले में तो कभी अन्य स्थानों पर मिल चुके हैं। जिससे यह साफ हो जाता है कि प्रतिबंध सिर्फ दिखावे के लिए लगाए गए, जबकि गर्भपात कर बेटियों को मारने का घिनौना कृत्य शहर सहित अंचल में बेरोकटोक किया जा रहा है।
रिकार्ड में काट-छांट करने वालों को देंगे नोटिस

अस्पताल के रिकार्ड में काटपीट करने वाले स्टाफ को हम नोटिस दे रहे हैं। यह बात सही है कि डिब्बा व कॉड शासकीय अस्पताल की है, लेकिन एक ही तरह की सामग्री पूरे प्रदेश में सप्लाई की जाती है। दो अलग-अलग भ्रूण मिलने से मामला बहुत संवेदनशील है और हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी इससे अवगत करा रहे हैं।
डॉ. सुधीर कश्यप, बीएमओ बदरवास
मामले की जांच करवाएंगे

हम इस मामले को पूरी संवेदनशीलता के साथ दिखवाएंगे तथा बदरवास अस्पताल से पूरी जानकारी मैं लूंगा। यदि अस्पताल के रिकार्ड में काटछांट की है या फिर उसमें शासकीय डिब्बे या कॉड का इस्तेमाल किया है, तो यह बहुत सोचनीय है। हम अपने स्तर पर इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे।
डॉ. अर्जुनलाल शर्मा सीएमएचओ शिवपुरी
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