ज्ञात रहे कि कोरोना के शुरुआती दौर में ही मुंबई से थोकबंद युवतियां ट्रेन से शिवपुरी रेलवे स्टेशन आई थीं, जिनकी स्क्रीनिंग व जांच किए बिना सिर्फ नाम-पते नोट करके पोहरी के डाबरपुरा उनके घर जाने दिया था।
चूंकि उस समय तक महाराष्ट्र में इतना कहर नहीं था, इसलिए उन युवतियों के संक्रमित होने की आशंका उतनी नहीं थी, लेकिन अब जबकि मुंबई में हालात बेकाबू हैं। चूंकि यह सभी रेड जोन से आ रहीं हैं, इसलिए उनसे संक्रमण की आशंका बढ़ गई है। यदि स्वास्थ्य महकमे की टीम पीएसक्यू लाइन, रेड लाइट एरिया बजरिया में टीम भेजकर ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी स्क्रीनिंग करे, तो काफी हद तक खतरा टल सकता है।
पॉजीटिव को किया आईसोलेट, संदिग्धों को क्वारंटीन बीते बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने डाबरपुरा निवासी 5 लड़कियों का कोरोना टेस्ट किया था। उक्त लड़कियों में से 20 साल की एक लड़की गुरूवार को कोरोना पॉजीटिव आई, जिसके बाद उसे तो रात को ही स्वास्थ्य विभाग आईसोलेट करने के लिए जिला अस्पताल लेकर आ गया। उसके अलावा उसकी 3 बहनों सहित एक अन्य लड़की को भी जिला अस्पताल में ही नर्सेस टे्रनिंग सेंटर में क्वारंटीन कर दिया गया है।
बिना सूचना के रह रहीं विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इन ५ लड़कियों के साथ कई लड़के-लड़कियां शिवपुरी लौट कर आए हैं, जिनमें से कुछ पुरानी शिवपुरी के बड़े मोहल्ले, पीएसक्यू लाइन तथा डाबरपुरा व बैराड़ क्षेत्र में रूके हैं।
सूत्रों की मानें तो इन लोगों ने अभी तक स्वास्थ्य महकमे सहित प्रशासन को अपने आने की कोई सूचना नहीं दी है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि मुंबई से आए इन लोगों की तलाश का उनके टेस्ट भी कराए जाएं।
यह बोले सीएमएचओ हमने पॉजीटिव को आईसोलेट व संदिग्धों को क्वारंटीन कर दिया। रेड लाइट से पिछले दिनों ३ युवतियों का सैंपल लिया था, यदि कोई बिना जांच के छुपी हुई हैं, तो उन्हें आप भी ढूंढें हम भी तलाशते हैं। ताकि सभी की जांच हो सके।
डॉ. अर्जुनलाल शर्मा, सीएमएचओ, शिवपुरी बिना जांच के पहुंचे छर्च शुक्रवार सुबह शहर के गुना नाके पर गुजरात से एक बस में सवार होकर लगभग 30 मजदूर उतरे, जिन्हें पोहरी के छर्च में जाना था। यहां से कोई दूसरा साधन ना मिलने से वे ऑटो से पोहरी चौराहे पर पहुंचे।
इस दौरान मॉर्निंग वॉक पर निकले रिटायर्ड मत्स्य अधिकारी महेंद्र दुबे ने पुलिस कंट्रोल रूम सहित जिम्मेदारों को भी फोन लगाए कि यह गुजरात से आए हैं, इनकी स्क्रीनिंग की जाए, लेकिन इतनी सुबह महकमे ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके चलते वे बिना जांच के अपने गांव की ओर रवाना हो गए।