फ्रीडम फायटर नागर कहते हैं कि लोकतंत्र में जनता को सबसे बड़ी ताकत इसी वोट की दी गई है, जिसमें किसी का प्रभाव या दवाब नहीं होता। जिन्हें देश चलाने की जिम्मेदारी दी गई है, उनका चुनाव आपके हाथ में होता है और आप तभी अपने जनप्रतिनिधि से कुछ कहने के हकदार हैं, जब उसके चुनाव में आपकी भागीदारी हो। नागर कहते हैं कि हर चुनाव में नेता तो अपने-अपने दावे करते हैं, लेकिन जनता अपने दिलो-दिमाग में क्या सोचकर बैठी है, यह परिणाम आने के बाद पता चलता है।
वो परिणाम ही इस लोकतंत्र में जनता की आवाज माना जाता है। नागर बताते हैं कि हमने एक-दो नहीं बल्कि कई ऐसे उदाहरण देखे हैं, जब जनमत के आगे पार्टियों व नेताओं के दावे खोखले साबित हुए। नागर का कहना है कि जब हम इस देश में रहते हैं और समस्याओं पर मुखर होकर बोलते हैं तो फिर हमें लोकतंत्र के इस महापर्व में भी अपनी भागीदारी निभाना चाहिए। वे बोले कि हमारी उम्र तो अब खतरे के निशान पर है, लेकिन जब तक जीवित हूं, मैँ लोकतंत्र के इस पर्वमें भागीदारी करूंगा तथा आप सभी लोग भी इसमें शामिल होकर वोट जरूर करें।