गंदा पानी पीने को मजबूर शहरवासी
शिवपुरी. अल्पवर्षा के चलते शहर में अभी से पानी का संकट गहराने लगा है। प्राइवेट टैंकरों की अभी से इतनी मांग बढ़ गई कि बुकिंग के 4 से 6 घंटे बाद ही पानी पैसे देकर मिल पा रहा है। ऐसे में ग्वालियर बायपास पर बनाए गए जलावर्धन प्रोजेक्ट के जंक्शन (जहां से पूरे शहर को पानी डिस्ट्रीब्यूट होगा) में से निकल रहे पानी से लोग कट्टियां भर रहे हैं। हर दिन दो घंटे पंप चलाने पर जब यहां से पानी बहता है, तो फिर बच्चों से लेकर बड़े तक खाली कट्टियां लेकर दौड़ पड़ते हैं। यह वो जगह है, जहां से होकर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी भारी व यात्री वाहन गुजरते हैं। दोशियान ने अभी तक शहर की चार टंकियां जोडऩे का दावा किया है, जबकि मनियर टोल नाका टंकी में अतिक्रमण रुकावट बन रहे हैं, जिसे प्रशासन हटवा रहा है।
गौरतलब है कि जलावर्धन प्रोजेक्ट का जंक्शन ग्वालियर बायपास पर बनाया गया है, जहां से कलश भरकर शहर में से जलाभिषेक यात्रा निकाली गई थी। वहां पर पानी की लाइनें अलग-अलग दिशाओं में वितरित हुई हैं, इसलिए वहां पर कुछ लीकेज अभी हैं। पाइप लाइन की टेस्टिंग व टंकियों तक पानी पहुंचाने के लिए हर दिन पंप चलाकर सप्लाई दी जाती है। जिसके चलते जंक्शन पर पानी की रफ्तार अधिक होने से वहां होने वाले लीकेज से लोग अपनी खाली कट्टियां भर लेते हैं। बायपास सहित आसपास के रहने वाले लोग इस बात से ही खुश हैं कि चलो पानी तो मिल रहा है। चूंकि अभी फिल्टर प्लांट पर जल शोधन का काम शुरू नहीं किया गया, इसलिए डैम का पानी इंटेकबेल से होकर जैसा आ रहा है, वैसा ही शहर की मुख्य पाइप लाइन में आ रहा है। यह पानी भले ही फिल्टर नहीं है, लेकिन अन्य कार्यों में उपयोग तो किया जा सकता है। हालांकि दोशियान के सुपरवाइजर कह रहे हैं कि अब तो पानी उतना गंदा न होकर साफ आ रहा है।