रविवार की सुबह 9 बजे जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जिला अस्पताल पहुंच गए। मंत्री ने वहां मरीजों से चर्चा करते हुए उनसे पूछा कि उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक ढंग से मिल रहीं हैं या नहीं। ऐसे में एक मरीज के परिजन ने बताया कि हमें अस्पताल से खून नहीं मिल पा रहा है, तो प्रभारी मंत्री सिविल सर्जन से पूछा कि मरीज के लिए खून का प्रावधान क्या है, यदि नहीं है तो मुझे बताइए, मैं कैबिनेट में इस बात को रखूं। यदि प्रावधान है तो फिर इसे क्यों नहीं मिल रहा, यह मुझे पता करके बताओ। फिर मंत्री ने सीएस से पूछा कि प्रसव वाली महिलाओं को लड्डू मिलना चाहिए, लेकिन आपके यहां लड्डू क्यों नहीं मिल रहे हैं। इस पर सीएस ने कहा कि हम दिखवा लेते हैं, तो मंत्री ने कहा कि दिखवा नहीं लेते, मुझे अभी एक्शन प्लान चाहिए।सीएमएचओ से मंत्री ने कहा कि इस मामले में कौन दोषी है, उसके खिलाफ केस पंजीबद्ध होगा। साथ ही मंत्री ने एसडीएम को निर्देश दिए कि केस पंजीबद्ध करवाएं।
गोद में मासूम की लाश लिए मिली रोती महिला
मंत्री जब अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ले रहे थे, इसी बीच एक महिला गोद में मासूम का शव लेकर रोती हुई आई। जब मंत्री को पता चला कि वो बच्चा मृत है और रोने वाली महिला उसकी दादी है, तो मंत्री भी गंभीर हो गए। उस महिला ने बताया कि 21 फरवरी को मनपुरा में मेरा पोता हुआ था और तबियत बिगडऩे पर उसे शनिवार को जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन आज सुबह उसकी मौत हो गई। मंत्री ने महिला से पूछा कि क्या रात में डॉक्टर ने देखा था तो महिला ने कहा हां, फिर मंत्री ने पूछा कि क्या सुबह डॉक्टर ने देखा, तो महिला ने कहा कि नहीं सुबह डॉक्टर नहीं थे। यह सुनते ही मंत्री ने अपने सेकेट्री से कहा कि इस महिला का नाम-नंबर नोट करके उससे बातचीत करके पूरी जानकारी लो।
जांच पर उठे सवाल
अस्पताल के निरीक्षण के दौरान एक महिला ने मंत्री से कहा कि मेरा 15 साल का बच्चा है, जिसकी जांच नहीं हो पा रही है। मंत्री ने सीएस से पूछा कि क्या अस्पताल में जांच नहीं हो रहीं हैं, तो सीएस कुछ जवाब नहीं दे पाए। इस पर महिला ने बताया कि उसकी बाहर से जांच की जानी है, जिसमें दो हजार रुपए की राशि खर्च होनी है। इस पर मंत्री ने सीएस से कहा कि इस महिला के बच्चे की जांच की जा रही है। इस पर सीएस ने कहा कि हम दिखवा लेते हैं।
राशन मिलना चाहिए
प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर जब अस्पताल में पहुंचे तो वहां एक व्यक्ति अपना आवेदन लेकर आया कि उसे राशन नहीं मिल रहा। वहीं पर मौजूद फूड विभाग के सहायक अधिकारी से मंत्री ने पूछा कि इसे राशन क्यों नहीं मिल पा रहा है, इसकी हालत देखो और यदि जरूरतमंद को राशन नहीं मिलेगा तो काम कैसे होगा। मंत्री ने कहा कि मुझे इस तरह की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए कि किसी को राशन के बिना रहना पड़ रहा हो, अन्यथा में आपके खिलाफ एक्शन लूंगा।
मंगलम से नहीं मिल रहा लड्डू
ज्ञात रहे कि जिला अस्पताल में मरीजों को खाना देने का काम मंगलम संस्था के पास है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की पीएस गौरी सिंह पूर्व में यह कह चुकी हैं कि मंगलम से खाना सप्लाई बंद करवाई जाए। लेकिन उसका पालन नहीं किया गया। लड्डू न मिलने की शिकायत पूर्व में संभागायुक्त के दौरे के दौरान भी मिली थी, तब भी कार्रवाई के आदेश हुए, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। अब प्रभारी मंत्री ने एफआईआर के निर्देश दिए हैं, तो देखते हैं कि क्या होने वाला है..?।