शिवपुरी

जलावर्धन योजना में लेटलतीफी: विधायक के निशाने पर नगर पालिका अध्यक्ष

बोलीं विधायक : सिंध का पानी हम शहर तक ले आए, नपा घरों में नहीं पहुंचा पा रही
नपाध्यक्ष बोले : टेंडर खुल गए, सात दिन में परिषद की बैठक करेंगे
 

शिवपुरीSep 13, 2019 / 04:13 pm

Rakesh shukla

जलावर्धन योजना में लेटलतीफी: विधायक के निशाने पर नगर पालिका अध्यक्ष

शिवपुरी. शहर की महत्वाकांक्षी जलावर्धन योजना में हो रही लेटलतीफी के चलते नगरपालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह अब पूर्व केबीनेट मंत्री व शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के निशाने पर आ गए हैं। बुधवार को जहां विधायक ने नपाध्यक्ष से इस्तीफा देने की बात कही, वहीं गुरुवार को जब नपाध्यक्ष से पूछा कि क्या वे इस्तीफा देंगे, तो वे बोले कि हम काम करवा रहे हैं। घरों में कनेक्शन के टेंडर खुल गए हैं और सात दिन में बैठक करके उनकी रेट तय कर देंगे। प्रोजेक्ट को लेकर चल रही उठापटक के बीच महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कमजोर पाइपों के सहारे शहर की टंकियां सिंध के पानी से कैसे भर पाएंगी?, इसका जवाब कोई जिम्मेदार नहीं दे रहा।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं पूर्व केबीनेट मंत्री व शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि मैंने तो अपना काम कर दिया है और सिंध का पानी शिवपुरी तक ले आई थी, लेकिन इतना समय गुजरने के बाद भी यदि सभी टंकियां नहीं जुड़ सकीं तथा घरों में कनेक्शन नहीं किए गए, तो यह नगरपालिका की फेल्युरटी है, जिसके चलते नपाध्यक्ष को इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि काम जल्दी नहीं हुआ तो फिर हम इस योजना के लिए भी सडक़ पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन करेंगे। यानि विधायक अब प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। उधर नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह प्रोजेक्ट का काम तो दूर, शहर के गली-मोहल्लों की बदहाल हुई सडक़ों को नहीं सुधरवा पा रहे, क्योंकि नपा का खजाना खाली हो गया और बिना पैसों के ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हैं।
डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के पाइप भी हो रहे लीकेज
शहर में जो डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के पाइप डाले गए हैं, वे भी जगह-जगह से लीकेज हो रहे हैं। अभी हाल ही में अनाज मंडी के पास डाली गई लाइन भी दो जगह से लीकेज हो गई। यानि मेन लाइन के पाइप भी खराब हैं और शहर में टंकियों को जोडऩे वाली लाइन के पाइप भी कमजोर गुणवत्ता के हैं। ऐसे में सिंध का पानी लोगों के घरों तक कैसे पहुंच पाएगा? इसमें संशय बना हुआ है। क्योंकि मेन लाइन के पाइप के अलावा डिस्ट्रीब्यूशन लाइन के पाइप भी घटिया क्वालिटी के होने की वजह से सप्लाई चालू होते ही यह साथ छोड़ रहे हैं। जब प्रोजेक्ट का एस्टीमेट रिव्यू हुआ था, तभी यदि पाइपों को बदलने का प्रस्ताव भी शामिल कर लिया जाता, तो ही शायद यह प्रोजेक्ट सफल हो पाता।
विधायक व नपाध्यक्ष के बीच पुरानी अदावत
शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया व नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह के बीच चल रही अदावत नई नहीं है, बल्कि पिछले लंबे समय से चली आ रही है। बीपीएल कार्ड में मुन्नालाल को जेल तक का सफर तय करवाने में राजे के नजदीकी ही सक्रिय भूमिका में रहे थे। इसके अलावा इंटेकवेल पर बिना बिजली के खटका दबाने पहुंचे नपाध्यक्ष पर सतनवाड़ा थाने में दर्ज किए गए मामले में भी पर्दे के पीछे पूर्व केबीनेट मंत्री ही रहीं। दोनों जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहे इस द्वंद का मुख्य कारण पूर्व केबीनेट मंत्री की बैठक में नपाध्यक्ष की गैर मौजूदगी रही। यशोधरा राजे चाहती थीं कि शहर का विकास नगरपालिका को साथ में लिए बिना नहीं हो सकता, इसलिए बैठक में नपाध्यक्ष भी मौजूद रहें, लेकिन बैठकों में बुलाए जाने के बाद भी नपाध्यक्ष नहीं पहुंचे तो इनके बीच की खाई गहरी होती चली गई।

नपा हुई फेल
जो पाइप डाले गए हैं, उनकी क्वालिटी कमजोर है और इसके बारे में पहले ही विचार करना था, क्योंकि प्रोजेक्ट रिवाइस हो रहा था, तो उसमें ही पाइप बदलने को भी शामिल करना था। मैं तो पानी शहर तक ले आई थी, लेकिन उसे घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तो नगरपालिका की है, जिसमें वो पूरी तरह से फेल हो गई है।
यशोधरा राजे सिंधिया, शिवपुरी विधायक
मेन पाइप लाइन तो मेरे कार्यकाल के पूर्व से ही डाली जा रही थी। घरों में कनेक्शन के लिए टेंडर ओपन हो गए हैं, अगले सात दिन में परिषद की बैठक कर उसमें रेट निर्धारण करके कनेक्शन करवा देंगे। इस बार बिजली बिल के 13 करोड़ रुपए एक साथ काट लिए जाने से नपा का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है।
मुन्नालाल कुशवाह, नपाध्यक्ष शिवपुरी
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