दुकानों में बंद मिठाईयों को नपा के मदाखलत अमले ने जानवर पकडऩे वाली गाड़ी में रखवाकर उसे ट्रेंचिंग ग्राउंड में गड्ढा खोदकर, उसमें डालकर उनका विनिष्टीकरण कर दिया। कार्रवाई के दौरान प्रशासन के अलाचा फूड व नपा अधिकारी भी मौजूद रहे।
महत्वपूर्ण बात यह है कि शहर में स्थित बड़ी मिठाई की दुकानों में से कुछ में तो बहुत कम मिठाई मिली, जबकि एक दुकान में बिल्कुल भी मिठाई नहीं मिली, जो संदेहास्पद है, क्योंकि इन 18 दिनों में एक भी दिन ऐसा नहीं आया, जब प्रशासन ने मिठाई की दुकानें खोलने की परमीशन दी हो, बावजूद इसके शहर के हृदय स्थल माधव चौक पर पुलिस चौकी के पास से यह दुकानें लॉकडाउन में खाली कर दी गईं।
जनता कफ्र्यू के बाद से बंद हुए बाजार के साथ ही मिठाई की दुकानों के शटर भी पूरी तरह से अभी तक बंद हैं। पत्रिका ने 1 अप्रैल को यह आशंका जताते हुए खबर प्रकाशित की थी कि दुकानों में बंद मिठाईयां खराब हो चुकी होंगी, जिसे नष्ट कराया जाना जरूरी है। उस दौरान कलेक्टर अनुग्रहा पी ने कहा था कि हम उन्हें नष्ट करवाएंगे, लेकिन प्रशासन ने उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की।
इस दौरान बीते 7 अप्रैल को शहर के एक आंगनबाड़ी केंद्र पर समूह वाले ने पौष्टिक लड्डुओं की जगह बूंदी के ऐसे लड्डू बांट दिए, जिनमें इल्ली बिलबिला रहीं थीं। पत्रिका ने इस खबर को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया, तब कहीं जाकर प्रशासन की तंद्रा टूटी।
आनन-फानन में प्रशासन ने 8 अप्रैल को विनिष्टीकरण के लिए टीम गठित की और फिर गुरुवार को मिठाईयों का विनिष्टीकरण करवाने के लिए एसडीएम अतेंद्र सिंह गुर्जर, फूड इंस्पेक्टर जेएस राणा, सविता सक्सैना के अलावा नपा सीएमओ केके पटेरिया व एचओ नपा गोविंद भार्गव अपनी टीम को साथ लेकर दुकानों पर पहुंचे। दुकान संचालकों को बुलाकर शटर खुलवाए तथा उनमें रखी मिठाईयों को नपा की जानवर पकडऩे की गाड़ी में भरवाया गया।
बड़ी दुकानों पर ऐसे मिले हालात
शहर के माधव चौक स्थित मिठाई की बड़ी दुकानों में शुमार पे्रम स्वीट्स पर आठ-दस ट्रे ही मिलींं, जिसमें महंगी मिठाई न होकर मीठे समोसे सहित अन्य मिठाई मिलीं, जिसमें फंगस के साथ-साथ मरे हुए कॉकरोज मिले, जबकि मधुरम स्वीट्स पर मिठाई का एक टुकड़ा भी नहीं मिला। उसके पास स्थित बंसल पेठा की दुकान में पेठे की जगह नमकीन के पैकेट मिले।
इसके अलावा हनुमान मंदिर पर स्थित मिठाई की दुकान के अलावा टेकरी की दुकान भी खाली मिली। सावरकर पार्क के पास स्थित सेसई मिष्ठान के यहां बड़ी मात्रा में मिठाई मिली, जबकि झांसी तिराहे पर स्थित सेसई मिष्ठान पर कुछ नहीं मिला। माना जा रहा था कि बड़ी मात्रा में मिठाई मिलेगी, लेकिन उम्मीद के विपरीत लगभग 50 से 60 किलो ही मिठाई मिल सकी।