अभियोजन के मुताबिक पिछोर निवासी वर्षा जाटव अपने तीन बच्चों सुखिया जाटव (5), राजा जाटव (4) व पप्पू (3) सहित अपने पति दिनेश जाटव के साथ ससुराल के पड़ोस में रहती थी। पति दिनेश बाहर मजदूरी करने जाता था, इसलिए वह अक्सर बाहर रहता था। इसी बात से परेशान होकर 2 दिसंबर 2019 को वर्षा ने अपने तीनो बच्चों व खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली थी। घटना में चारों गंभीर रूप से झुलस गए थे। इसके बाद सभी को इलाज के लिए ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पर तीनों बच्चों की मौत हो गई थी, जबकि महिला वर्षा कुछ दिन के इलाज के बाद सही होकर आ गई। इस मामले में पिछोर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ खुद के बच्चों को मारने का मामला दर्ज कर लिया था। बाद में चालान कोर्ट में पेश किया, जिस पर से सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी महिला वर्षा को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास सुनाई। मामले में पैरवी अपर लोक अभियोजक बृजेश द्विवेदी ने की। बताया गया है कि महिला परिजनों से परेशान थी और रोज-रोज के झगड़े से परेशान होकर उसने बच्चों के साथ आत्महत्या के लिए आवेश में आकर यह कदम उठाया था।