सोमवार सुबह लगभग 9.30 बजे सरपंच पति दीपक शिवहरे 8 हजार रुपए लेकर हाथीखाना में किराए के मकान में रहने वाले एई को देने गया। एई ने रिश्वत के 8 हजार रुपए पेंट की जेब में भी रख लिए। लोकायुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर रुपए के साथ एई को पकड़ लिया।
फरियादी दीपक शिवहरे ने बताया, ग्राम पंचायत मांगरोल में पत्नी नीलम शिवहरे सरपंच हैं और गांव में आंगनबाड़ी भवन बन रहा है। जिला मुख्यालय से दो-तीन किश्तों में पैसा मिलता है, जिसकी पहली किश्त 4 लाख 68 हजार रुपए मिला था, जिसका हमने काम करवा दिया। इंजीनियर व एई द्वारा मूल्यांकन किए जाने के बाद ही अगली किश्त मिलना थी। इंजीनियर ने तो मूल्यांकन कर दिया था, लेकिन एई हरिनारायण ने एमबी (मेजरमेंट बुक) पर हस्ताक्षर कराने के बदले में कुल राशि का 2 प्रतिशत 8 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त टीआई कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि आंगनबाड़ी भवन की मूल्यांकन रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने के एवज में सहायक यंत्री हरिनारायण पांडोरिया द्वारा 2 प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत की मांग सरपंच से की जा रही थी। जिसकी शिकायत सरपंच पति दीपक शिवहरे ने 14 अक्टूबर को लोकायुक्त ग्वालियर में की थी। जिसकी तस्दीक के लिए 16 अक्टूबर को एक कॉस्टेबल को दीपक के साथ हाथीखाना में किराए के आवास में रहने वाले एई के घर पर भेजा गया। जहां पर रिश्वत मांगे जाने की बात रिकार्ड की गई। रिकॉर्डिंग सुनने के बाद लोकायुक्त में प्रकरण दर्ज कर लिया तथा सोमवार को हमारी टीम हाथीखाना पहुंची और रिश्वत लेते सहायक यंत्री को पकड़ लिया।