हादसे के बाद करीब आधा घंटे बाद बदरवास पुलिस को सूचना मिली तो पुल के नीचे घायल अवस्था में पड़े ड्राइवर व क्लीनर को उपचार हेतु अस्पताल पहुंचाया। लेकिन टैंकर के बॉल्व टूटने से निकल रही गैस की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। अलसुबह जब यह पता चला कि गैस टैंकर लीक हो रहा है तो फिर आनन-फानन में एनएफएल को सूचना दी। तब रेस्क्यू टीम प्रभारी एलके प्रसाद, कदम सिंह मीणा, सुनील ठाकुर, प्रधान धाकड़, अर्जुन किरण, पवन लोधा ने जब टैंकर को देखा तो उसमें भरी गैस खाली हो चुकी थी। रेसक्यू टीम के प्रभारी व सदस्यों का कहना था कि हमने पहली बार देखा है कि सेफ्टी बाल्व भी टूट गया, लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
ग्राम बूढ़ाडोंगर के नजदीक ओवरब्रिज पर जहां गैस टैंकर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, वहां से महज दस कदम की दूरी पर छात्रावास, हायर सेकेंडरी, मिडिल व प्राथमिक स्कूल है। इतना ही नहीं गांव में जाने का रास्ता भी उसी पुल के नीचे से है। ग्राम बूढ़ाडोंगर में आदिवासी बस्ती में करीब एक दर्जन से लोगों को घबराहट एवं उल्टियां होने लगीं। जिला पंचायत सदस्य कोसा बाई ने बताया कि हम रात्रि दो बजे से जगे हुए हैं और गांव से करीब पांच किलोमीटर दूर जाकर रात गुजारी है। लेकिन गैस से हमारे समाज के एक दर्जन लोगों में उल्टी एवं घबराहट हुई।
गोविंद यादव, सचिव ग्राम पंचायत
सुजीत भदौरिया, एसडीओपी