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बिना मीटर रीडिंग के मिलेगा मड़ीखेड़ा का पानी

locationशिवपुरीPublished: Feb 01, 2019 11:06:55 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

संचालन-संधारण करेगी नपा, परिषद की बैठक में तय होगी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी

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बिना मीटर रीडिंग के मिलेगा मड़ीखेड़ा का पानी

शिवपुरी. जलावर्धन योजना के तहत मड़ीखेड़ा का पानी अब शिवपुरी शहर में लोगों के घरों तक पहुंचेगा तो उसमें होने वाली खपत को मापने के लिए मीटर नहीं लगेेंगे। क्योंकि यह अनुबंध पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत दोशियान कंपनी से नगरपालिका का हुआ था। लेकिन अब दोशियान ही चली गई, तो मीटर के अनुरूप होने वाली वसूली भी नहीं की जाएगी। जब इस प्रोजेक्ट के तहत पानी मिलेगा तो यह प्रक्रिया नियमित चलती रहे, इसके लिए नगरपालिका परिषद की बैठक में तय होगा कि संचालन व संधारण कैसे कराया जाए। चूंकि अब प्रभारी मंत्री ने भी 15 फरवरी की डेट लाइन तय कर दी है, तो फिर यह उम्मीद की जा सकती है कि इस बार गर्मियों में पानी की समस्या से शहरवासियों को नहीं जूझना पड़ेगा।
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर में पानी की समस्या को दूर करने के लिए स्वीकृत हुई जलावर्धन योजना का अनुबंध जब दोशियान कंपनी से हुआ था, तब उसमें यह शर्त रखी गई थी कि प्रोजेक्ट के तहत हर घर में मीटर लगाया जाएगा। जो परिवार जितनी पानी की खपत करेगा, उसकी रीडिंग मीटर में आने के बाद उसे हर माह उसी के अनुरूप पानी का बिल अदा करना पड़ेगा। चूंकि प्रोजेक्ट में दोशियान कंपनी को भी अपनी ओर से राशि लगानी थी तथा आगामी 25 साल तक कंपनी को ही शहर की जनता से पानी की वसूली करनी थी। अब चूंकि समय सीमा में दोशियान कंपनी काम नहीं कर पाई तो प्रोजेक्ट का काम उससे छीनकर दो हिस्सों में टेंडर करके अलग-अलग फर्मों को दे दिया। अब जिन फर्मों को काम दिया है, वे मेन पाइप लाइन बदलने व टंकियों को जोडऩे के अलावा डिस्ट्रीब्यूशन लाइन डालने के बाद अपनी रवानगी डाल देंगी। ऐसे में इस प्रोजेक्ट का संचालन-संधारण नगरपालिका को करना पड़ेगा। चूंकि नपा के पास प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ कोई तकनीकी अमला अलग से नहीं है, इसलिए या तो नपा को प्रोजेक्ट के लिए अलग से भर्ती करनी पड़ेगी या फिर इस प्रोजेक्ट को ठेके पर देना पड़ेगा।
सिंध से ही शहर को उम्मीद
शिवपुरी शहर में कई ऐसे वार्ड हैं, जहां सर्दियों में ही पानी की किल्लत गहराने लगी है। कहीं कृत्रिम जल संकट है तो कहीं बोर में पानी का प्रेशर अभी से कम होने लगा। ऐसे में शहर को सिंध जलावर्धन योजना का ही सहारा है और इसके लिए काम भी तेजी से चल रहा है।
दोशियान से काम हटने के बाद पीपीपी मोड भी खत्म हो गया। उस एग्रीमेंट में मीटर लगाने की शर्त थी, लेकिन अब जबकि दूसरी कंपनी काम कर रही हैं, तो प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद वितरण व जलकर के संबंध में जो भी शासन आदेश करेगा, उसका पालन किया जाएगा।
सीपी राय, सीएमओ नपा शिवपुरी
अब मीटर लगाकर पानी देने की बात तो दोशियान के जाते ही समाप्त हो गई है। अब दो अलग फर्मों को शेष काम दिया गया है और काम पूरा होते ही यह योजना नपा के पास ही आएगी। परिषद की बैठक में तय करेंगे कि इसे ठेके पर देना है या तकनीकी स्टाफ भर्ती किया जाए।
अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष नपा शिवपुरी

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