शुक्रवार सुबह लगभग 10.45 बजे जब पैसेंजर ट्रेन पाडरख़ेड़ा स्टेशन पर रुकने के बाद रवाना हुई तो ट्रैक पर लगभग 100 मीटर दूर आगे एकाएक ट्रेन के आगे युवक गोद में दुधमुंहे बच्चे को लेकर आ गया। टे्रन की गति धीमी थी, इसलिए ड्राइवर ने इमरजेंसी बे्रेक लगाकर उसे रोक लिया तथा युवक के पास पहुंचने से पहले ही टे्रन रुक गई। ट्रेन के रुकते ही उसमें सवार आरपीएफ के जवान नीचे उतरे और उस युवक व बच्चे को लेकर टे्रन में आ गए। कुछ देर में ही उस युवक की पत्नी व उसका भाई एक मासूम बच्ची को लेकर ट्रेन में सवार हो गए।
ट्रेन के सामने आने वाले युवक ने अपना नाम बि_ल किशन पवार निवासी महाराष्ट्र का बताया। उसने कहा कि मेरी पत्नी चांदनी से मेरा झगड़ा हो गया था और वो किसी और के साथ रहना चाहती है, इसलिए मैं यह कदम उठा रहा था। उधर उसकी पत्नी चांदनी ने कहा कि मुझसे झगड़ा करने के बाद पति बोला कि मैं टे्रन से कटने जा रहा हूं। यह बात सुनकर मैं भी उसके पीछे-पीछे बेटी को लेकर आ गई थी। इन पति-पत्नी व बच्चों के साथ महिला का भाई भी ट्रेन में सवार होकर शिवपुरी आया। पत्नी पाडरख़ेड़ा की रहने वाली है वो पति के साथ महाराष्ट्र नहीं जाना चाह रही थी। बि_ल का कहना है, पत्नी मेरे साथ न रहकर किसी और के साथ रहना चाहती है, इसलिए मैं यह कदम उठाने जा रहा था।
वो युवक महाराष्ट्र का रहने वाला है और उसका पत्नी से विवाद हो गया था। पाडरख़ेड़ा में रहने वाला उसका रिश्तेदार भी आ गया था, इसलिए हमने उसे समझाइश देकर जाने दिया।
रमेश चंद्र, आरपीएफ प्रभारी शिवपुरी