कुछ लोगों ने तो दस दिन की हड़ताल की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए डेयरियों पर सुबह ही पहुंचकर दो-तीन दिन का स्टॉक इक_ा खरीद लिया। स्थिति यह बनी कि दोपहर बाद दूध की डेयरियों पर ताले लटक गए। हड़ताल के पहले दिन भले ही आमजन को दूध के लिए अधिक परेशान नहीं होना पड़ा, लेकिन शुक्रवार को दूध न मिलने से कई लोग चाय के लिए तरस जाएंगे।
सुबह हालात रहे सामान्य, दोपहर में हो गई दूध की किल्लत
हड़ताल के पहले दिन शहर में सुबह हालात सामान्य नजर आए। शहर भर की दूध डेयरियां अपने निर्धारित समय पर खुलीं और वहां से दूध लेने वाले लोग रोजाना की तरह दूध लेते नजर आए। जब कुछ डेयरी वालों से इस संबंध में पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि बुधवार को तो दूधियों ने अपनी सप्लाई दी थी, इसलिए उनके पास स्टॉक था। दोपहर 12 बजे तक डेयरियों में दूध का स्टॉक खत्म हो गया तो उनके शटर गिरना भी बंद हो गए। जिसने भी दूधियों की हड़ताल को गंभीरता से नहीं लिया और वो दोपहर बाद दूध तलाशने निकला तो उसे निराशा ही हाथ लगी और बिना दूध के ही लौटना पड़ा।
उपोक्ता पर बढ़ेगा भार
दूधिए दूध का रेट 40 रुपए किलो मांग रहे हैं, जबकि शहरवासी वर्तमान में भी इतने रेट पर ही डेयरियों से दूध खरीद रहे हैं, जबकि डेयरी संचालक दूधियों से 35 रुपए किलो में दूध ले रहे हैं। अब यदि दूध क दाम बढ़े तो उपभोक्ता पर भार पड़ेगा।
गुना नाका फॉरेस्ट चौकी
हालात: दूधियों ने गुना नाके पर सुबह से ही पहरेदारी शुरू कर दी थी, दूधिए शहर में न आ सकें इसलिए यह पहरा बड़ौदी और गुना नाके के बीच स्थित फॉरेस्ट चौकी पर लगाया गया। यहां सुबह-सुबह जो दूधिए शहर में दूध लेकर आ रहे थे, उन्हें रोका गया और हड़ताल की जानकारी देकर लौटा दिया गया।
रेलवे फाटक
हालात-पोहरी रोड पर दूधियों ने पहरेदारी रेलवे स्टेशन के पास स्थित फाटक पर की। यहां दूधिए अल सुबह से ही खड़े हो गए। इस कारण सुबह-सुबह कई दूधियों को दूध की कैन लेकर शहर में आते हुए न सिर्फ रोका गया बल्कि कई को तो अपने साथ ही खड़ा कर नाकेबंदी में भी सहभागी बनाया। कई दूधिए अपना दूध वापस लेकर लौट गए।
झांसी रोड, कंषाना डेयरी
हालात-दूधियों ने झांसी रोड पर पहरेदारी के लिए कंषाना दूध डेयरी के पास का स्थान चिह्नित किया था। इसके पीछे की मुख्य वजह यह थी कि इस क्षेत्र के अधिकतर दूधिए इसी डेयरी पर अपने दूध की सप्लाई करते हैं। सुबह 8 बजे तक यहां कोई भई दूधिया पहरेदारी के लिए तैनात नजर नहीं आया, जिसके चलते दूधिए यहां दूध सप्लाई करते देखे गए।
हमने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाया है। दूधियों की मांग दूध के रेट बढ़ाने की है और डेयरी संचालक उनके रेट नहीं बढ़ा रहे। हमारा प्रयास रहेगा कि आम उपभोक्ता को अच्छी क्वालिटी का दूध कम से कम दाम में मिल सके।
अतेंद्र सिंह गुर्जर, एसडीएम शिवपुरी