गौरतलब है कि शिवपुरी को स्मार्ट सिटी में शामिल करने के साथ ही शहर को संवारने के लिए शासन ने 25 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी। शिवपुरी के लिए राशि स्वीकृत करने के साथ ही प्रपोजल मांगा गया था, जिसके लिए एक कंसलटेंट नियुक्त करने के साथ ही शहर संवारने के लिए कौन-कौन से काम करवाए जाने हैं, वह प्रस्ताव बनाना था। शहरी विकास अभिकरण को कंसलटेंट नियुक्त करना था, लेकिन वह काफी समय तक नियुक्त नहीं किया, तो प्रस्ताव बनने में देरी हो ही गई तथा कोई भी काम शहर में शुरू नहीं हो सका। इसी बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। उस सरकार ने बजट न होने की वजह से उन जिलों में राशि नहीं भेजी, जहां पर मिनी स्मार्ट सिटी का कोई भी काम शुरू नहीं हुआ था। उन जिलों में शिवपुरी भी शािमल रहा, क्योंकि यहां पर कंसलटेंट नियुक्त करने में ही देरी हो गई थी, इसलिए प्रपोजल समय पर नहीं बन पाया तो बिना प्रमोजल के काम शुरू होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। यही वजह है कि शिवपुरी शहर को संवार कर मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के लिए आने वाली राशि नहीं मिल सकी तथा अब यह शहर कब संवर पाएगा, कहना मुश्किल है।
शहर संवारने में यह होने थे काम
मिनी स्मार्ट सिटी बनाए जाने के लिए जो प्रपोजल बनाया गया है, उसमें शिवपुरी शहर को संवारने व आकर्षक स्वरूप देने के लिए शहर के प्रबुद्धजनों के साथ मिलकर प्लान बनाया था, जिसमें शहर में मौजूद सभी पार्कों को संवारने के साथ ही वहां पर आकर्षक लाइटिंग लगाई जानी थींं। साथ ही शहर के प्रमुख चौराहों व सड़कों के आसपास भी कई काम करवाए जाने थे, लेकिन कोई भी काम शुरू न होने की वजह से शिवपुरी शहर को संवारने के लिए स्वीकृत हुई 25 करोड़ रुपए की राशि फिलहाल अटक गई।
डूडा प्रभारी की लेटलतीफी से अटकी राशि
शहर को मिनी स्मार्ट सिटी में शामिल भाजपा की सरकार में किया गया था। उसके बाद शासन स्तर से निर्देश दिए गए थे कि श्हर संवारने के लिए कंसलटेंट नियुक्त करके के साथ ही मिनी स्मार्ट सिटी में होने वाले कार्यों का प्रपोजल देना था, लेकिन शिवपुरी शहरी विकास अभिकरण (डूडा) प्रभारी मधु श्रीवास्तव द्वारा कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए पत्र ही देर से जारी किया गया। जिसकी प्रक्रिया में देरी हो गई तथा प्रपोजल देर से पहुंचा। जिसका असर यह हुआ कि कोई भी काम शहर में शुरू नहीं हो सका। यदि यह प्रक्रिया जल्दी हो जाती तो स्वीकृत राशि 25 करोड़ शिवपुरी नगरपालिका को मिल जाती।
बजट न होने से पूर्व सरकार ने रोकी राशि
प्रदेश में जितने भी शहर स्मार्ट सिटी व मिनी स्मार्ट सिटी में शामिल किए गए, उनमें से कांग्रेस की पूर्व प्रदेेश सरकार ने वहीं पर पैसा जारी किया, जहां काम शुरू हो गए थे तथा उन जिलों की राशि बजट न होने की वजह से रोक दी, जहां काम शुरू नहीं हो सका।
अब फिर जागी उम्मीद
अब चूंकि प्रदेेश में फिर भाजपा की सरकार बन गई है तथा स्मार्ट सिटी व मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की योजना केंद्र की भाजपा सरकार की है। इसलिए अब यह उम्मीद फिर से जाग गई है कि शिवपुरी को मिनी स्मार्ट सिटी के लिए मिलने वाली 25 करोड़ रुपए की राशि मिल जाएगी।
बोले एई : रोकी गई राशि
मिनी स्मार्ट सिटी के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन वह राशि शिवपुरी को मिली नहीं थी। चूंकि यहां पर कोई काम शुरू नहीं हुआ, इसलिए शासन ने पहले उक्त राशि पर रोक लगा दी थी। अब उम्मीद है कि शहर संवारने के लिए वह अटकी हुई राशि मिल जाएगी।
साहिल मेंदावाला, एई नपा शिवपुरी
बोलीं कलेक्टर: प्रपोजल तो पहले ही भेज दिया
शिवपुरी को मिनी स्मार्ट सिटी के लिए रााशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन काम शुरू नहीं होने की वजह से वह राशि नहीं आई थी। फिर शासन ने रोक लगा दी थी तथा प्रपोजल हमने पहले ही भेज दिया था। अब शासन से राशि आएगी तो उसी प्रपोजल पर काम होगा।
अनुग्रहा पी, कलेक्टर शिवपुरी