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मोबाइल चैटिंग ने किया पत्नी के झूठ का राजफाश

locationशिवपुरीPublished: Jul 11, 2018 04:26:36 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

आईएएस बनने की चाह में पति से अलग रह रही पत्नी ने मांगा भरण पोषण, दावा निरस्त
 

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मोबाइल चैटिंग ने किया पत्नी के झूठ का राजफाश

शिवपुरी. शहर के पुरानी शिवपुरी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने अपने पति से भरण पोषण लेने के लिए कुटुम्ब न्यायालय में दावा पेश किया कि उसका पति उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करता है, इस कारण वह अपने मायके में रह रही है। न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान महिला की पति से हुई मोबाइल चैटिंग ने पत्नी के झूठ का राजफाश कर दिया और कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीके शर्मा ने फैसला सुनाया कि पत्नी भरण पोषणकी अधिकारिणी नहीं है।
जानकारी के अनुसार रेणु पुत्री भानू बाथम उम्र 23 साल निवासी हरदौल मंदिर के पास पुरानी शिवपुरी थाना देहात की शादी 11 मई 2017 को झांसी निवासी नरेन्द्र पुत्र चतुर्भुज रैकवार के साथ हुई थी। शादी के करीब डेढ माह बाद 5 जुलाई 2017 को रेणु अपने नाना-नानी के यहां शिवपुरी आकर रहने लगी। आवेदिका ने इसके बाद कुटुम्ब न्यायालय में भरण पोषण के लिए दावा पेश किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान रेणु के पति नरेन्द्र ने अपने अधिवक्ता राधावल्लभ शर्मा के माध्यम से उसके आरोपों को निराधार बताया और कहा कि हम शादी के बाद अच्छे से रह रहे थे। इसी क्रम में 25 मई को रेणु कम्प्यूटर कोर्स का पेपर देने शिवपुरी आई थी, जिसके बाद ५ जून को वह उसे वापस अपने घर ले गया। इसके बाद रेणु पूजा करने के लिए नरवर आई और फिर वापस नहीं गई। नरेन्द्र ने उसे मोबाइल पर मैसेज कर वापस बुलाया लेकिन उसने जाने से मना कर दिया। नरेन्द्र ने बताया कि उसकी 28 जून 2017 से रेणु के साथ मैसेंजर पर लगातार चैटिंग हुई, जिस पर उसने कहा कि वह आइएएस की तैयारी करने के लिए इंदौर रहना चाहती है, इसलिए एक साल उसके साथ नहीं रह सकती। इसके अलावा भी तमाम साक्ष्य न्यायालय में पेश किए गए। सभी साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायाधीश पीके शर्मा ने फैसला सुनाया कि आवेदिका रेणु बिना किसी पर्याप्त कारण के अपने पति से अलग रह रही है इस कारण वह भरण पोषण पाने की अधिकारिणी नहीं है।
पत्थर चोरी के मामले में छह-छह माह की सजा
जला न्यायालय के न्यायाधीश अभिषेक सक्सेना ने पत्थर चोरी के मामले में आरोपियो को ३-३ माह का कारावास व एक-एक हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। मामले में पैरवी एडीपीओ राजवीर सिंह यादव ने की। मीडिया प्रभारी व एडीपीओ कल्पना गुप्ता ने बताया कि17 फरवरी 2014को वन रक्षक विकास दुबे, आरक्षक अशोक बाथम आदि ने बीट खेरोना से एक बाइक पर पत्थर का अवैध परिवहन करते हुए भूरा व प्रताप सिंह को पकड़ा था। बाद में मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया जिस पर से सुनवाईकरते हुए आज न्यायालय ने यह फैसला सुना। वहीं पोहरी न्यायालय के जेएमएफसी धीरज कुमार ने बाइक चोर पवन शर्माको दोषी मानते हुए 6 माह का कारावास व 500रूपए जुर्माने की सजा सुनाईहै। मामले की पैरवी एडीपीओ विशाल काबरा ने की। घटना 16 जनवरी 2017 की हैजिसमें आरोपी पवन ने फरियादी दीपू की बाइक चुरा ली थी।
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