कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता
बात अगर पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बाद नगर पालिका द्वारा पॉलीथिन विक्रेताओं पर की जाने वाली कार्रवाई की करें तो नपा द्वारा सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। साल में एकाध बार एक दो दुकानों पर कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है, जबकि हर सब्जी व फल के ठेले पर, प्रत्येक दुकान से उपभोक्ताओं को पॉलीथिन में ही सामग्री की सप्लाई की जा रही है। अगर नगर पालिका द्वारा नियमानुसार कार्रवाई कर पॉलीथिन के उपयोग पर रोक लगा दी जाए तो यह तय है कि मवेशियों के पेट से पॉलीथिन निकलना भी बंद हो जाएगी।
बात अगर पॉलीथिन पर प्रतिबंध के बाद नगर पालिका द्वारा पॉलीथिन विक्रेताओं पर की जाने वाली कार्रवाई की करें तो नपा द्वारा सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। साल में एकाध बार एक दो दुकानों पर कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है, जबकि हर सब्जी व फल के ठेले पर, प्रत्येक दुकान से उपभोक्ताओं को पॉलीथिन में ही सामग्री की सप्लाई की जा रही है। अगर नगर पालिका द्वारा नियमानुसार कार्रवाई कर पॉलीथिन के उपयोग पर रोक लगा दी जाए तो यह तय है कि मवेशियों के पेट से पॉलीथिन निकलना भी बंद हो जाएगी।
हम तो आवारा मवेशियों को पकड़ कर गोशाला में रख रहे हैं, ताकि उन्हें भूसा और पानी उपलब्ध कराया जा सके। उनकी मौत का कारण क्या है यह हम नहीं जानते, रही बात बाजार में पॉलीथिन के प्रयोग की तो हम समय-समय पर कार्रवाई करते हैं और वर्तमान में पॉलीथिन पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
सीपी राय, सीएमओ, नपा
सीपी राय, सीएमओ, नपा
मवेशियों के पीएम के बाद यह सामने आ रहा है कि मवेशियों के पेट में 30 से 35 किलो पॉलीथिन है। इस कारण उनकी पाचन क्रिया डिस्टर्ब हो गई है, यही उनकी मौत की वजह है।
डॉ एमके गुप्ता, पशु चिकित्सक