नपा में इस घोटाले की हुई शिकायत
– वित्तीय वर्ष 2016 -17 में जीआई सामग्री क्रय करने के लिए परिषद ने 8 0 लाख की व्यय स्वीकृति प्रदान की। निविदा प्रकाशन 5 मार्च 2016 को किया, जिसमें अपने नजदीकी ठेकेदार लवलेश जैन को नियम पर ताक रखे तो दूसरे ठेकेदारों ने आपत्ति दर्ज कराई तो टेंडर निरस्त कर दिए। फिर 6 जून 2016 को पुन: टेंडर ऑनलाइन जारी किए। जिसमें चार फर्म क्रमश: वाणी इंटरप्राइजेज, मामा एसोसिएट्स, रमा इन्फ्रा व साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टेंडर डाले। इसमें तीन टेंडर एक ही ठेकेदार समूह ने डाले एवं एक टेंडर साईं को प्रतिस्पर्धा में शामिल किया। नपाध्यक्ष व सीएमओ ने दवाब बनाकर साईं व रमा से टेंडर न खोलने का आवेदन ले लिया। एक आयटम छोडक़र रमा इन्फ्रा की शेष सभी आयटमों की दरें अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में न्यूनतम थी। इसमें दोनों फर्मों को अनुबंध करना था, जो नहीं किया गया। 29 दिसंबर 2016 को अनुबंध संपादित कर ठेकेदार धर्मेंद्र यादव द्वारा 8 0 लाख रुपए की सामग्री देकर बिना वित्तीय वर्ष खत्म हुए एफडीआर वापस ले ली।
– नपा द्वारा रमा इन्फ्रा के स्थान पर मामा एसोसिएट्स को बिना विधिवत निविदा आमंत्रित किए बिना धरोहर राशि जमा कराए 1 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि की सामग्री क्रय कर ली। जिसके लिए न तो परिषद और न पीआईसी की स्वीकृति ली गई।
– नपा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर वित्तीय वर्ष 2016 -17 में ठेकेदार लवलेश जैन की फर्म मामा एसोसिएट से माल क्रय किया गया तथा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिना कोई नवीन टेंडर प्रक्रिया पूर्ण किए, सामग्री क्रय कर ली। 8 फरवरी 2017 को रमा इन्फ्रा द्वारा नपा में जम कराई गई धरोहर राशि 4 लाख रुपए की एफडीआर उक्त फर्म को वापस कर दी गई।
– नपाध्यक्ष व अधिकारियों द्वारा 10 मार्च 2017 को फर्म मामा एसोसिएट्स शिवपुरी से 18 ,33,8 35 रुपए की सामग्री कार्यादेश क्रमांक 203, पर क्रय की गई। जबकि वित्तीय वर्ष समाप्ति 31 मार्च 2017 तक में रमा इन्फ्रा शिवपुरी को ही संबंधित सामग्री नपा को देनी थी, जबकि मामा एसोसिएट्स शिवपुरी को वित्तीय वर्ष 2017-18 में सामग्री प्रदाय करने हेतु अधिकृत किया गया।
– नपा द्वारा हाई डेन्सिटी पॉली एथिलीन पाइप (एचडीपीई) क्रय करने हेतु 26 दिसंबर 2015 निविदा आहूत की गई थी। उक्त निविदा विज्ञप्ति 5 लाख रुपए का सामान क्रय करने हेतु जारी की गई थी, जिसकी धरोहर राशि 25 हजार रुपए स्वीकृत की गई थी। लेकिन इसी निविदा पर 70 लाख रुपए के एचडीपीई पाइप स्वयं के हित लाभ हेतु बिना नवीन टेंडर प्रक्रिया के खरीदी कर ली गई।
– वित्तीय वर्ष 2016 -17 में जीआई सामग्री क्रय करने के लिए परिषद ने 8 0 लाख की व्यय स्वीकृति प्रदान की। निविदा प्रकाशन 5 मार्च 2016 को किया, जिसमें अपने नजदीकी ठेकेदार लवलेश जैन को नियम पर ताक रखे तो दूसरे ठेकेदारों ने आपत्ति दर्ज कराई तो टेंडर निरस्त कर दिए। फिर 6 जून 2016 को पुन: टेंडर ऑनलाइन जारी किए। जिसमें चार फर्म क्रमश: वाणी इंटरप्राइजेज, मामा एसोसिएट्स, रमा इन्फ्रा व साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी ने टेंडर डाले। इसमें तीन टेंडर एक ही ठेकेदार समूह ने डाले एवं एक टेंडर साईं को प्रतिस्पर्धा में शामिल किया। नपाध्यक्ष व सीएमओ ने दवाब बनाकर साईं व रमा से टेंडर न खोलने का आवेदन ले लिया। एक आयटम छोडक़र रमा इन्फ्रा की शेष सभी आयटमों की दरें अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में न्यूनतम थी। इसमें दोनों फर्मों को अनुबंध करना था, जो नहीं किया गया। 29 दिसंबर 2016 को अनुबंध संपादित कर ठेकेदार धर्मेंद्र यादव द्वारा 8 0 लाख रुपए की सामग्री देकर बिना वित्तीय वर्ष खत्म हुए एफडीआर वापस ले ली।
– नपा द्वारा रमा इन्फ्रा के स्थान पर मामा एसोसिएट्स को बिना विधिवत निविदा आमंत्रित किए बिना धरोहर राशि जमा कराए 1 करोड़ 20 लाख रुपए की राशि की सामग्री क्रय कर ली। जिसके लिए न तो परिषद और न पीआईसी की स्वीकृति ली गई।
– नपा जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर वित्तीय वर्ष 2016 -17 में ठेकेदार लवलेश जैन की फर्म मामा एसोसिएट से माल क्रय किया गया तथा अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिना कोई नवीन टेंडर प्रक्रिया पूर्ण किए, सामग्री क्रय कर ली। 8 फरवरी 2017 को रमा इन्फ्रा द्वारा नपा में जम कराई गई धरोहर राशि 4 लाख रुपए की एफडीआर उक्त फर्म को वापस कर दी गई।
– नपाध्यक्ष व अधिकारियों द्वारा 10 मार्च 2017 को फर्म मामा एसोसिएट्स शिवपुरी से 18 ,33,8 35 रुपए की सामग्री कार्यादेश क्रमांक 203, पर क्रय की गई। जबकि वित्तीय वर्ष समाप्ति 31 मार्च 2017 तक में रमा इन्फ्रा शिवपुरी को ही संबंधित सामग्री नपा को देनी थी, जबकि मामा एसोसिएट्स शिवपुरी को वित्तीय वर्ष 2017-18 में सामग्री प्रदाय करने हेतु अधिकृत किया गया।
– नपा द्वारा हाई डेन्सिटी पॉली एथिलीन पाइप (एचडीपीई) क्रय करने हेतु 26 दिसंबर 2015 निविदा आहूत की गई थी। उक्त निविदा विज्ञप्ति 5 लाख रुपए का सामान क्रय करने हेतु जारी की गई थी, जिसकी धरोहर राशि 25 हजार रुपए स्वीकृत की गई थी। लेकिन इसी निविदा पर 70 लाख रुपए के एचडीपीई पाइप स्वयं के हित लाभ हेतु बिना नवीन टेंडर प्रक्रिया के खरीदी कर ली गई।
नपा शिवपुरी में नियमों को ताक पर रखकर अपने नजदीकियों को लाभ देने का काम किया जा रहा है। जिसकी तथ्यों सहित शिकायत की है, जिसे ईओडब्ल्यू ने संज्ञान में लेकर जांच शुरूकर दी है।
एडवोकेट विजय तिवारी, शिकायतकर्ता
नपा शिवपुरी में गड़बडिय़ों की शिकायत हमारे भोपाल हैडऑफिस की गई, जहां पर शिकायत को संज्ञान में लेकर जांच के लिए ग्वालियर भेजा है। इस मामले की जांच मुझे ही सौंपी गई है।
नरेश रावत, उपनिरीक्षक ईओडब्ल्यू ग्वालियर