दरअसल, ग्राम पंचायत सरपंच ने अपनी ननद सहायक सचिव को बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़वा दिया। मामला करैरा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत टोड़ा का है। लोकायुक्त निरीक्षक रानी लता के अनुसार महिला सरपंच रचना यादव ने अपनी ननद सहायक सचिव सीमा यादव के खिलाफ चैक डैम की फाइल पास करने के एक एवज में 60 हजार रुपये की मांग की थी।
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सरपंच भाभी की ननद के खिलाफ शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछवाया। उसके बाद भाभी अपनी ननद को रिश्वत देने के लिए तैयार हो गई। 20 हजार रुपये की पहली किस्त देने के लिए भाभी ननद के पास पहुंची। उन्होंने जैसे ही पैसे दिए लोकायुक्त की टीम ने सहायक सचिव के पद पर तैनात ननद सीमा यादव को गिरफ्तार कर लिया
सरपंच भाभी की ननद के खिलाफ शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछवाया। उसके बाद भाभी अपनी ननद को रिश्वत देने के लिए तैयार हो गई। 20 हजार रुपये की पहली किस्त देने के लिए भाभी ननद के पास पहुंची। उन्होंने जैसे ही पैसे दिए लोकायुक्त की टीम ने सहायक सचिव के पद पर तैनात ननद सीमा यादव को गिरफ्तार कर लिया
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शिवपुरी जिले में इस घटना की चर्चा खूब हो रही है। साथ ही रिश्वतखोर ननद को लोग खूब कोस भी रहे हैं। तो सरपंच भाभी रचना यादव की तारीफ भी हो रही है। उन्होंने रिश्वतखोरी में शामिल अपनी ननद को भी नहीं छोड़ा और लोकायुक्त के हाथों पकड़वा दिया।
शिवपुरी जिले में इस घटना की चर्चा खूब हो रही है। साथ ही रिश्वतखोर ननद को लोग खूब कोस भी रहे हैं। तो सरपंच भाभी रचना यादव की तारीफ भी हो रही है। उन्होंने रिश्वतखोरी में शामिल अपनी ननद को भी नहीं छोड़ा और लोकायुक्त के हाथों पकड़वा दिया।
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रिश्वतखोरी के ऐसे मामले लोगों को कम ही सुनने को मिलते हैं। क्योंकि आमतौर पर जो मामले सामने आते हैं, उनमें आरोपी अधिकारियों का शिकायतकर्ता से कोई रिश्ता नहीं होता है। लेकिन हाल के दिनों में मध्यप्रदेश में जो भी लोकायुक्त की कार्रवाई हुई है, उसमें किसी में शिकायतकर्ता रिश्तेदार नहीं है। मध्यप्रदेश की शायद इस साल की यह पहली घटना होगी, जब भाभी ने अपनी ननद को रिश्वतखोरी के मामले में पकड़वाया है।
रिश्वतखोरी के ऐसे मामले लोगों को कम ही सुनने को मिलते हैं। क्योंकि आमतौर पर जो मामले सामने आते हैं, उनमें आरोपी अधिकारियों का शिकायतकर्ता से कोई रिश्ता नहीं होता है। लेकिन हाल के दिनों में मध्यप्रदेश में जो भी लोकायुक्त की कार्रवाई हुई है, उसमें किसी में शिकायतकर्ता रिश्तेदार नहीं है। मध्यप्रदेश की शायद इस साल की यह पहली घटना होगी, जब भाभी ने अपनी ननद को रिश्वतखोरी के मामले में पकड़वाया है।