शिवपुरी. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार वहां पर ज्यादा
काम करती है, जहां उसका विधायक होता है। उन्होंने कहा कि यह विधायक
शिवराज सिंह चौहान का कुर्ता पकडक़र अपने क्षेत्र में काम करवा लेते हैं। जब उनसे पूछा कि आपने अभी बताया कि कोलारस में सात बार भाजपा के विधायक रहे तो फिर कोलारस में विकास क्यों नहीं हो पाया। यह सुनते ही प्रभात झा ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि कोलारस में जो स्कूल बने व हैंडपंप लगे हैं, वे भाजपा विधायकों ने ही लगवाए हैं। वे बोले कि हम तो कोलारस व मुंगावली में कह रहे हैं कि यह तो 6 माह का चुनाव है, अगर हम 4 साल का काम न करें तो कान पकडक़र उतार देना।
प्रभात झा से जब पूछा कि पिछले एक माह से पूरी सरकार कोलारस में जुटी हुई है?, तो वे बोले कि जब प्रदेश में सरकार हमारी है तो वो ही लगी रहेगी, वहां केवल सरकार ही नहीं संगठन भी पूरा जोर लगा रहा है। हमें कोलारस व मुंगावली की सीटें छीननी हैं। जीतने के लिए कम तथा छीनने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। दो उपचुनाव हारने के सवाल पर झा बोले कि वो सीटें तो कांग्रेस की थीं, जिसे कांगे्रस ने बरकरार रखा। जब उनसे पूछा कि कोलारस तो 25 हजार से हारे थे, तो वे बोले कि कोलारस में हमारे 7 बार विधायक चुने गए हैं। झा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तो चुनावी नेता हैं, जो चुनाव के सीजन में ही आते हैं और फिर वे अपने क्षेत्र में लौटकर नहीं आते।
‘अपनेपन के भाव से ही होगा संपूर्ण विकास’
शिवपुरी . एकात्म यात्रा के साथ आए परमात्मानंद महाराज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आज का कल्चर है कि आगे वाले को धक्का देकर ऊपर बढ़ो, इसे अंगे्रजी में मरजक यानि उसे खा जाओ। हमारी सरकार का भी सूत्र है, सबका साथ-सबका विकास। सबका विकास तभी होगा, जब तक अपनापन का भाव नहीं होगा, तब तक सबका विकास नहीं होगा।
महाराज ने कहा कि जब तक हम जात-पात, धर्म, भाषा व प्रांतवाद से ऊपर उठें, यही सिद्धांत हिंदुत्व का है, सभी एक समान आत्मा है, सभी को एक साथ लेकर चलें। एकात्म यात्रा के संबंध में उन्होंने ने कहा कि शंकराचार्य महाराज शंकर के स्वरूप थे और शिवराज सिंह (मुख्यमंत्री)
शिव के स्वरूप हैं। उनके मन में यह संकल्प आया तो यह यात्रा शुरू हुई। शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति लग रही है तथा लोगों में जन जागरण हेतु यात्राएं निकाली जा रही हैं। संतों के नेतृत्व में हर गांव से तांबे के कलश में मिट्टी लेकर जा रहे हैं, इस मिट्टी को भूमिपूजन में रखा जाएगा। महाराज ने कहा कि संस्कृति यानि वेल्यू एडीशन, जिसमें शरीर से नहीं बल्कि अंदर से बढ़ावा आना चाहिए, हृदय तभी बढ़ा माना जाएगा जब आप देना सीखेंगे।