उजड़ गया परिवार
नितिन ने बताया पूना में नौकरी करता है और लॉकडाउन के बाद घर आया था। छोटा भाई मोहित घर पर ही माता-पिता के साथ रहता था। माता पिता दोनों ही नहीं रहे, ऐसे में मोहित अकेला हो गया। पिता के निधन के बाद आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। नितिन ने बताया, शासन की ओर से अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार दिए गए थे, शेष राशि का कुछ पता नहीं। छोटे भाई की अनुकम्पा नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग ने एक फार्म दिया है, जिसकी औपचारिकता पूरी कर रहा है।
नितिन का कहना है, जब तक छोटे भाई को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं मिलती, तब तक मैं मदद करूंगा। कोरोना लॉकडाउन में कई प्राइवेट सेक्टर भी प्रभावित हुए हैं। जिस घर में माता-पिता के रहते चहल-पहल रहती थी, वहां वीरानी छाई हुई है। छोटा बेटा मोहित माता पिता के साथ ही रहता था और वही दोनों का सहारा था। उनके जाने के बाद वो टूट चुका है। वो किसी से ज्यादा बात भी नहीं कर रहा, हमेशा गुमसुम सा बैठा रहता है।