सिंध जलावर्धन योजना के तहत पानी की सप्लाई शुरू हुए दो साल से अधिक का समय गुजर गया, लेकिन अभी तक उसके लीकेज दुरुस्त नहीं हो सके। जिसके चलते पानी की बर्बादी तो हो ही रही है, साथ ही सडक़ों को भी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं अभी फायनल टच पर आ रही थीम रोड को भी पैवर्स के बीच में से निकल रहे पानी के बुलबुलों से खतरा बढ़ गया। महत्वपूर्ण बात यह है कि 13 साल का लंबा इंतजार और प्रोजेक्ट की लागत तीन गुना बढक़र लगभग 150 करोड़ रुपए होने के बावजूद शहरवासियों का अभी भी सिंध के साफ पानी और नियमित सप्लाई का इंतजार खत्म नहीं हुआ।
गौरतलब है कि ड्राई जोन हो चुके शिवपुरी शहर में पानी के लिए सिंध जलावर्धन योजना की शुरुआत सितंबर 2009 से हुई, लेकिन 2022 में भी पानी की सप्लाई शुरू होने पर जगह-जगह से पानी की बर्बादी शुरू हो जाती है। बीते दो दिन पूर्व महल कॉलोनी के सामने थीम रोड के किनारे फुटपाथ पर लगाए गए पैवर्स में से एकाएक पानी के बुलबुले निकलना शुरू हो गए। देखते ही देखते एक बड़े एरिया में पैवर्स के नीचे से पानी निकलने की रफ्तार इतनी तेज हो गई कि पानी तेज बहाव के साथ सडक़ से होता हुआ नाली में पहुंचने लगा। पानी के तेज फ्लो के चलते नाले में भी पानी का बहाव तेज हो गया। चूंकि पानी पैवर्स के नीचे से निकल रहा है, तो वहां सडक़ की स्थिति क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह तो महज उदाहरण है, जबकि इसी तरह के नजारे हर बार तब नजर आते हैं, जब भी सिंध की सप्लाई शुरू की जाती है।
प्रोजेक्ट पर नपा को भी नहीं है भरोसा
13 साल में जिस सिंध प्रोजेक्ट की लागत तीन गुना बढक़र 150 करोड़ रुपए तक हो गई, उस पर खुद नगरपालिका शिवपुरी को भरोसा नहीं है। यही वजह है कि अभी हाल ही में नपा ने ट्यूबवेलों में मोटर डालने व निकालने का लगभग 2 करोड़ रुपए का टेंडर किया है। यानि नपा के जिम्मेदार भी जानते हैं कि सिंध की सप्लाई कभी भी ठप हो सकती है, इसलिए ट्यूबवेलों के मेंटेनेंस का कारोबार भी चलता रहेगा, क्योंकि गर्मियों में अधिकांश बोर पानी देना ही बंद कर देते हैं।
13 साल में जिस सिंध प्रोजेक्ट की लागत तीन गुना बढक़र 150 करोड़ रुपए तक हो गई, उस पर खुद नगरपालिका शिवपुरी को भरोसा नहीं है। यही वजह है कि अभी हाल ही में नपा ने ट्यूबवेलों में मोटर डालने व निकालने का लगभग 2 करोड़ रुपए का टेंडर किया है। यानि नपा के जिम्मेदार भी जानते हैं कि सिंध की सप्लाई कभी भी ठप हो सकती है, इसलिए ट्यूबवेलों के मेंटेनेंस का कारोबार भी चलता रहेगा, क्योंकि गर्मियों में अधिकांश बोर पानी देना ही बंद कर देते हैं।
बर्बादी गंभीर नहीं
सर्दी की विदाई के साथ ही गर्मी ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया। ऐसे में शिवपुरी शहर में पानी का संकट गहराना भी शुरू हो जाएगा। बावजूद इसके सिंध जलावर्धन योजना की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में हुए सैकड़ों लीकेज से हो रही पानी की बर्बादी को रोकने के प्रति कोई भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है। नपा सीएमओ व एई अभी तक कई बार यह कह चुके हैं कि हम डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का काम कर रही कंपनी से बात करके लीकेज सुधरवा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुधार नजर नहीं आया।
सर्दी की विदाई के साथ ही गर्मी ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया। ऐसे में शिवपुरी शहर में पानी का संकट गहराना भी शुरू हो जाएगा। बावजूद इसके सिंध जलावर्धन योजना की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में हुए सैकड़ों लीकेज से हो रही पानी की बर्बादी को रोकने के प्रति कोई भी जिम्मेदार गंभीर नहीं है। नपा सीएमओ व एई अभी तक कई बार यह कह चुके हैं कि हम डिस्ट्रीब्यूशन लाइन का काम कर रही कंपनी से बात करके लीकेज सुधरवा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुधार नजर नहीं आया।
एबी रोड पर तो वो लीकेज सडक़ ठेकेदार द्वारा पानी की लाइन को डैमेज करने की वजह से हुआ था। डिस्ट्रीब्यूशन का काम कर रही बगसिया कंपनी शहर में उतनी गति से लीकेज नहीं ंसुधार रही, जितनी जरूरत है। उसके भुगतान का इश्यू है, जिसके चलते उसकी गति धीमी है।
सचिन चौहान, एई जल शाखा नगरपालिका शिवपुरी
सचिन चौहान, एई जल शाखा नगरपालिका शिवपुरी