शिवपुरी शहर में मायनिंग ऑफिस के पीछे पुलिस हॉस्पीटल की एक बिल्डिंग है, जिसमें पहले कभी डॉक्टर व अन्य स्टाफ हुआ करता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से डॉक्टर न होने की वजह से इसमें ताला लटका हुआ था, अस्पताल बंद होने की वजह से पुलिसकर्मियों व उनके परिवारजनों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी जिला अस्पताल में लगने वाली लाइन में लगना पड़ता था। पत्रिका ने इस अस्पताल की बदहाली व उसके बंद होने से पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों को हो रही परेशानी को उठाया था। उस दौरान सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने कहा था कि हमारे पास अभी नए डॉक्टर आने वाले हैं और उनके आते ही हम पुलिस अस्पताल में भी डॉक्टर पदस्थ कर देंगे। वहीं रक्षित निरीक्षक भारत सिंह यादव भी अस्पताल खुलवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से लगातार पत्राचार कर रहे थे। जिसका परिणाम यह हुआ कि अब इस अस्पताल को एक डॉक्टर राघवेंद्र सिंह रावत सप्ताह में दो दिन के लिए मिल गए। जो हर मंगलवार व शुक्रवार को इस अस्पताल में अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा दो कंपाउंडर भी नियुक्त किए गए हैं, जो पूरे सप्ताह यहां गोली दवा सहित मरहम-पट्टी भी किया करेंगे। उनकी मदद के लिए दो महिला पुलिसकर्मी भी यहां तैनात की जाएंगी।
वर्तमान हालातों में भी अस्पताल शुरू होना था जरूरी
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अन्य विभाग तो जो कर रहे हैं, वो ठीक है, लेकिन पुलिसकर्मी हर दिन अलसुबह से लेकर रात तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात होकर घर से बाहर निकलने वालों को रोकने में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां आमजन कोरोना वायरस के डर की वजह से घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर रहा, वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मी पूरे दिन तैनात रहकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। लगातार घर से बाहर रहकर ड्यूटी करने के दौरान पुलिसकर्मियों के भी इफेक्टिव होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि वे अपनी पूरी सुरक्षा के साथ लोगों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। यही वजह है कि इस अस्पताल को सात बिस्तरीय बनाया गया है, ताकि यदि भविष्य में पुलिसकर्मियों को होम क्वारंटाइन करना पड़ा तो वे इस अस्पताल में रहकर इलाज करवा सकते हैं।
राजेश सिंह चंदेल, एसपी शिवपुरी