शिवपुरी. पुलिस विभाग को पेपरलेस करने के लिए थानों में कंप्यूटर पर दर्ज हो रहे प्रकरणों में शून्य पर कायमी नहीं हो रही। ऐसे मामलों में हाथ से लिखी रिपोर्ट ही बनाकर दूसरे थानों को भेजी जा रही है, जिसके चलते ऐसे मामलों में देरी हो जाती है। यह इसलिए हो रहा है, क्योंकि सीसीटीएनएस के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर में इसका प्रावधान ही नहीं रखा गया। एडीशनल एसपी का कहना है कि साफ्टवेयर में जो कमी रह गई है, उनको दूर करवा रहे हैं।
गौरतलब है कि पुलिस विभाग में सीसीटीएनएस योजना इसलिए शुरू की गई, ताकि विभिन्न जिलों व राज्यों के पुलिस थानों में दर्ज होने वाले प्रकरणों को एक क्लिक करके देश के गृह मंत्री तक देख सकें। इसके लिए पुलिस थानों में कंप्यूटराइज्ड एफआईआर दर्ज की जाती है, उसमें एफआईआर के साथ ही प्रकरण क्रमांक लिखा जाता है। लेकिन दुर्घटना सहित अन्य तरह की घटनाओं में दूसरे पुलिस थानों में शून्य पर कार्रवाई होती है। फिर संबंधित थाने में केस डायरी भेजकर फिर नए सिरे से कायमी की जाकर प्रकरण नंबर देकर कंप्यूटर में दर्ज की जाती है। इस प्रक्रिया में न केवल पूरा प्रकरण हाथ से लिखा जाता है, बल्कि उसे संबंधित थाने में दर्ज होने में एक से दो दिन का समय लग जाता है। चूंकि पुलिस कंप्यूटराईज्ड हो रही है, इसलिए शून्य पर दर्ज होने वाले प्रकरण को भी सीसीटीएनएस के सॉफ्टवेयर में शामिल करने सुधार की प्रक्रिया चल रही है। एडीशनल एसपी का कहना है कि साफ्टवेयर में जो कमी रह गई है, उनको दूर करवा रहे हैं।
चल रही सुधार प्रक्रिया
&यह बात सही है कि सीसीटीएनएस में अभी शून्य पर प्रकरण दर्ज किए जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। सॉफ्टवेयर बनाते समय सभी बातों का
ध्यान रखा गया, लेकिन फिर भी चीजें छूट गई हैं, उनमें सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी है। जल्द ही सॉफ्टवेयर में यह सुविधा भी शुरू हो जाएगी।
कमल मौर्य, एएसपी शिवपुरी