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जामताड़ा के ठगों के जाल में फंसकर जेल गए युवक को छुड़ाएगी पुलिस, जानें पूरा मामला

locationशिवपुरीPublished: Jun 05, 2023 12:23:52 pm

Submitted by:

Faiz

– प्रकाश की जमानत के लिए आगे आई पुलिस- राजस्थान की बांसवाड़ा जेल में बंद है प्रकाश- पीड़ित परिवार की मदद के लिए भी बढ़े हाथ

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जामताड़ा के ठगों के जाल में फंसकर जेल गए युवक को छुड़ाएगी पुलिस, जानें पूरा मामला

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के अंतर्गत आने वाली बदरवास तहसील में अंतर्राज्यीय ऑनलाइन धोखेबाजों का शिकार बनकर जेल पहुंचे दोहा पंचायत के दीवट गांव में रहने वाले प्रकाश आदिवासी की जमानत के लिए अब शिवपुरी पुलिस आगे आई है। इधर, प्रकाश के परिजन के लिए भी लोगों की मदद के हाथ बढ़ने लगे हैं।


मामले को लेकर शिवपुरी पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने राजस्थान के बांसवाड़ा शहर की जेल में बंद प्रकाश की जमानत में सहयोग के लिए स्थानीय पुलिस को निर्देशित किया है। इन निर्देशों की पालना में बदरवास थाना प्रभारी सुनील खमरिया ने दीवट गांव के राजाराम आदिवासी और देवेंद्र यादव को बुलाकर उन्हें प्रकाश की जमानत के लिए आर्थिक मदद की है। उन्होंने बांसवाड़ा के अधिकारियों से भी इस संबंध में बात की है। बता दें कि, प्रकाश 14 मई से जेल में बंद है।

 

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अन्य आदिवासियों को आरोपी नहीं बनने देंगे

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पुलिस अधीक्षक भदौरिया ने पत्रिका से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, प्रकाश के अलावा अन्य जिन 13 आदिवासियों के खातों का इस्तेमाल धोखेबाजों ने ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए किया है, उन्हें आरोपी नहीं बनने देंगे। अन्य राज्यों की पुलिस को बिना पूरी जांच और किसी के खिलाफ ठोस सबूत आए बिना किसी भी आदिवासी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने दी जाएगी। प्रकाश के मामले में कोलारस एसडीओपी विजय यादव जांच कर रहे हैं। साइबर टीम को भी उनके साथ जोड़ा गया है। शीघ्र ही मामले का खुलासा हो जाएगा।


प्रकाश के परिवार को राशन सामग्री

इस बीच पत्रिका की ओर से प्रकाश के परिवार का दर्द बयां किये जाने के बाद उनकी मदद के लिए लोगों के हाथ भी अब बढ़ने लगे हैं। रविवार को बदरवास के व्यवसायी पीयूष सोनी दीवट में प्रकाश के घर पहुंचे। उन्हें आर्थिक मदद के अलावा उनके घर में राशन की व्यवस्था भी कराई। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक प्रकाश जेल से नहीं निकलता, तब तक उनके घर का राशन वो ही व्यवस्थित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि, प्रकाश के घर में 75 वर्षीय पिता खाट पर हैं। एक बेटा दुर्घटना में घायल होने के बाद से घर पर है और दूसरा छोटा है। एक छोटी बेटी भी घर पर है। ऐसे में परिवार को पालने की जिम्मेदारी प्रकाश की पत्नी मिथिलेश को निभानी पड़ रही है। मदद के हाथ आगे न बढ़ने तक प्रकाश की पत्नी गांव में भीख मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करने को मजबूर थी।


हस्तिनापुर में भी खुले 23 आदिवासियों के खाते

हालांकि, जामताड़ा के जालसाजों के तार सिर्फ दीवट के आदिवासियों तक ही नहीं जुड़े हैं, बल्कि आदिवासी इलाके हस्तिनापुर में भी 23 आदिवासियों के खाते खोले जाने का खुलासा हुआ है। इन आदिवासियों ने भी पुलिस को शिकायत की है कि, योजना का लाभ दिलाने के नाम पर उनके खाते खुलवाए गए हैं। यहां आदिवासियों ने खाते खुलवाने में शिवपुरी की ही रहने वाली छाया यादव नाम की एक युवती का जिक्र करते हुए कहा है कि, उसने उनको समूह दिलवाने के नाम पर यूको बैंक में खाते खुलवाए हैं।


आदिवासियों का कहना है कि, उन्हें न तो खाते की किताब दी गई और न ही पासबुक और एटीएम। उन्हें इसका पता तब लगा, जब उनके खातों के लेनदेन का संदेश उनके मोबाइल नंबरो पर आया। हस्तिनापुर के रवि आदिवासी का आरोप है कि, छाया यादव ने सभी आदिवासियों से छह-छह हजार रुपए लिए थे। सभी से दो-दो हजार रुपए खाते खोलने के बैंक वालों ने अलग से लिए थे। आदिवासियों का कहना है कि, दीवट के आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद जब वे छाया यादव के पास पहुंचे तो वो बोली, मेरे यहां क्यों आए हो। मेरे पास तुम्हारी कोई चीज नहीं है। फिलहाल, मामला सामने आने के बाद हस्तिनापुर पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

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