जानकारी के अनुसार शासन द्वारा युक्तियुक्तकरण के संबंध में जो नीति जारी की है उसके अनुसार डेट ऑफ ज्वानिंग के आधार पर जो सबसे जूनियर होगा वह अतिशेष की श्रेणी में आएगा। इस आधार शासकीय प्राथमिक विद्यालय सतनवाड़ाखुर्द में पदस्थ गोपाल प्रसाद शर्मा को अतिशेष होना चाहिए, क्योंकि उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक 9 मार्च 1987 की है, जबकि उनके साथ पदस्थ श्रीकुमार श्रीवास्वत की सेवा प्रारंभ की तिथी 1986, बालाराम झा की प्रथम नियुक्ति 1986 है। शिक्षा विभाग के कर्ताधर्ताओं ने पोर्टल पर गणेश शर्मा की डेट ऑफ ज्वाइनिंग में काछांट करते हुए 9 मार्च 1987 के स्थान पर 1 अगस्त 1978 कर दिया है। डेट ऑफ ज्वाइनिंग में काटछांट करने से गणेश शर्मा अतिशेष होने से बच गए और उनके स्थान पर श्री कुमार श्रीवास्तव अतिशेष की श्रेणी में आ गए। जब इस हेराफेरी का खुलासा होने पर श्रीकुमार श्रीवास्तव जिला शिक्षा अधिकारी हरिओम चतुर्वेदी को अपनी आपत्ति दर्ज करवाने पहुंचे तो उन्होंने उनकी आपत्ति लेने से मना कर दिया। इसके बाद श्रीकुमार ने डाकघर के माध्यम से वाय पोस्ट कलेक्टर व डीईओ को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। यह ऐसा पहला मामला नहीं है, जिसमें इस तरह के घालमेल सामने आए हैं। अगर जिले भर में देखा जाए तो ऐसे सैकड़ों मामले उजागर होंगे। श्रीकुमार श्रीवास्तव का आरोप है कि गणेश शर्मा के कुछ खास रिश्तेदार डीईओ कार्यालय में पदस्थ हैं और इसी कारण से पोर्टल पर दर्ज की गई जानकारी में इस तरह की काटछांट संभव हो सकी है।
ऑन लाइन आपत्ति भी नहीं हुई दर्ज
शिक्षा विभाग के कर्ताधर्ताओं की हीलाहवाली के कारण अतिशेष हुए शिक्षक श्रीकुमार श्रीवास्तव का कहना है कि वह अपनी आपत्ति ऑन लाइन भी दर्ज कराने पहुंचा था, परंतु तकनीकी खामी के कारण उसकी आपत्ति ऑन लाइन भी दर्ज नहीं हो सकी।
इस बार युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया ऑन लाइन की जा रही है, यहां से कोई लेना देना नहीं है। आपत्तियां भी ऑन लाइन ही दर्ज होंगी।
हरिओम चतुर्वेदी, डीईओ शिक्षकों की जो भी समस्या है उसे हम सुने बिना उनका स्थानांतरण नहीं करेंगे। हम अभी पूरी लिस्ट पब्लिश करेंगे, आपत्ति मंगवाएंगे और उसके बाद ही ट्रंासफर करेंगे। जो प्रशासनिक ट्रांसफर होते हैं वह सूची के प्रकाशन के बिना नहीं होते हैं। अभी जो ऑनलाइन आपत्ति आ रही हैं , वह भी कम आ रही हैं और उन्हें भी हम निकाल कर चेक करेंगे। किसी भी शिक्षक के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
अनुग्रहा पी, कलेक्टर