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मेडिकल कॉलेज की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच 6 को होगी

locationशिवपुरीPublished: May 03, 2019 10:50:41 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

शहर के निजी डॉक्टर भी जांच समिति में शामिल

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मेडिकल कॉलेज की भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच 6 को होगी

शिवपुरी. मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती में हुई गड़बडिय़ों की जांच 6 मई को चिकित्सालय महाविद्यालय शिवपुरी में होगी। जांच कमेटी में शिवपुरी के प्राइवेट डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन्हें जांच कमेटी की अध्यक्ष डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने पत्र भेजा है, कि वे इस दौरान उपलब्ध रहें। यह जांच विधानसभा में लगाए गए सवाल के बाद स्वास्थ्य मंत्री द्वारा बनाई गई जांच कमेटी कर रही है।

कार्यालय आयुक्त चिकित्सा शिक्षा मप्र शासन के लैटर हेड पर जांच समिति अध्यक्ष व संचालक चिकित्सा शिक्षा मप्र भोपाल डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने शिवपुरी शहर के प्राइवेट डॉक्टर अरविंद दुबे को पत्र भेजा है। जिसमें उल्लेख किया है कि विधानसभा में तारांकित प्रश्र क्रमांक 464 पिछोर विधायक केपी सिंह द्वारा पूछे गए प्रश्न पर मंत्री द्वारा चर्चा के दौरान स्वशासी चिकित्सालय महाविद्यालय शिवपुरी में हुई भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच 6 मई को होगी। यह जांच मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में ही की जाएगी। जिसमें शासकीय व प्राइवेट डॉक्टरों की टीम इस पूरे मामले पर जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

गौरतलब है कि पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती में कथित तौर पर बड़ा लेनदेन करके अपात्रों को भर्ती कर लिया गया, जबकि पात्र लोगों के दस्तावेज गायब कर उन्हें अमान्य कर दिया गया। जब भर्ती प्रक्रिया से पात्र लोगों को हटाया तो उन्होंने आपत्ति दर्ज कराकर मामले की जांच कराए जाने की मांग की। पत्रिका ने जब मेडिकल कॉलेज में हुई भर्ती में फर्जीबाड़े का मामला उजागर किया तो संभागायुक्त ग्वालियर ने शिवपुरी अपर कलेक्टर के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई, इस कमेटी ने बाला-बाला न जाने कब अपनी जांच रिपोर्ट भेज दी, पता ही नहीं चला। जब अपर कलेक्टर आरएस बालोदिया से पूछा तो वे बोले कि पूर्व एडीएम जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट संभागायुक्त को भेजकर चले गए।

उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज की भर्ती में हुए फर्जीबाड़े में कई जिम्मेदार अधिकारी भी शामिल रहे, इसलिए उन्होंने जांच के नाम पर महज कागजी खानापूर्ति करके मामले को निपटा दिया। चूंकि यह मामला विधानसभा में सत्ताधारी दल के पिछोर विधायक केपी सिंह एवं भाजपा विधायक यशोधरा राजे ने उठाया था। इसलिए विधानसभा स्तर पर जांच कमेटी बनाई गई है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि यह कमेटी किसी अंजाम पर पहुंचेगी या फिर पूर्व जांच की तरह लीपापोती की जाएगी।

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