कटिंग कराने के लिए ग्राहक अपना कपड़ा लेकर आए
सैलून की दुकान पर आने वालों को हेयर गाउन स्वयं का लाना होगा। एक ग्राहक का तोलिया दूसरा ग्राहक उपयोग नहीं करेगा। सेलून संचालक को अपना कोई भी गाउन (कपड़ा) उपयोग नहीं करेगा। दुकान पर आने वाला प्रत्येक ग्राहक एवं द्कान संचालक मास्क का उपयोग अनिवार्यत: करेंगे। प्रत्येक उपभोक्ता के बाल काटने के पश्चात केशशिल्पी अपने हाथों को हैंडवॉश से अच्छी तरह साफ करेगा, हाथ सुखाने के पश्चात ही नए उपभोक्ता को सेवाएं देगा। बुखार, जुकाम, खांसी एवं गले में खराश वाले व्यक्तियों का दुकान में प्रवेश निषेध होगा। दुकान के अंदर सीमित संख्या में ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ग्राहकों को प्रवेश दिया जाएगा।
– देशी-विदेशी मदिरा की दुकाने शासन के निर्देशों के क्रम में संचालित होंगी।
– सभी प्रकार के उद्योग एवं औदयोगिक गतिविधियां चालू रह सकेंगी।
– अंतर राज्य मार्गों पर राज्य की सीमा पर प्रदेश में प्रवेश कर रहे नागरिकों की थर्मल स्क्रीनिंग एवं टेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।
– ग्रामों में सभी मनरेगा कार्य, ग्रामीण विकास कार्य एवं अन्य विभागों के निर्माण कार्य तथा तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य कोविड-19 महामारी की रोकथाम के एसओपी का पालन करते हुए जारी रखे जा सकेंगे।
– मिठाई की दुकान, नाश्ते की दुकान व ठेलों पर खाद्य पदार्थों को केवल पैक करके दिया जाएगा।
– दुकानों व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान के संचालक अपने प्रतिष्ठान एवं दुकान पर स्वयं मास्क लगाएंगे एवं मास्क लगाकर आने वाले ग्राहकों को ही सामग्री विक्रय की जाएगी।
– दुकान एवं प्रतिष्ठान पर ग्राहकों के लिए नि:शुल्क मास्क, सेनेटाइजर की व्यवस्था करेंगे। उल्लंघन करने पर उल्लंघनकर्ता की दुकान, प्रतिष्ठान को सील्ड किया जाएगा तथा अर्थदंड वसूला जाएगा।
– दुकान के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन रस्सी एवं चूने से गोले बनाए जाकर कराया जाएगा।
– सभी सार्वजनिक स्थलों, कार्यस्थलों व परिवहन के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य है। उल्लंघन की दशा में चालानी कार्यवाही की जाएगी।
होम आइसोलेट किए गए व्यक्तियों का घर से बाहर निकलना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
– प्रत्येक दुकानदार अपनी दुकान, प्रतिष्ठान के बाहर स्वयं के टीकाकरण कराए जाने का प्रमाण पत्र चस्पा करेगा एवं आने वाले ग्राहकों से टीकाकरण कराने की अपील के लिए स्टीकर, फ्लैक्स चस्पा करेगा।
– आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध भादवि 1860 की धारा 188 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के अंतर्गत एवं एपिडेमिक एक्ट 1897 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।