जब मरीज आरएमपी डॉक्टरों के पास उपचार के लिए पहुंचे तो उन्होंने लॉक डाउन और पुलिस का डर दिखाते हुए मरीजों को भगा दिया तो कुछ लोग सामान्य रूप से मेडीकल पर दवा लेने पहुंचे लेकिन कोई भी मेडिकल कस्बे में खुली नहीं थी। अंतत: मरीजों को लुकवासा के सरकारी अस्पताल में जाना पड़ा।
अस्पताल के स्टाफ ने यह कह कर भगा दिया कि अस्पताल में तो कोई डॉक्टर है ही नहीं, सभी डॉक्टर फील्ड में गए हुए हैं। ऐसे में मरीजों को न तो उपचार मिला और न ही दवा, मरीजों को बिना उपचार कराए ही अपने-अपने घरों को लौटना पड़ा।
जब इस संबंध में अधिकारियों को संपर्क करने का प्रयास किया तो सभी ने मीटिंग में होने की बात कहते हुए फोन काट दिया।
इनका कहना है -मेरी पत्नी की तबीयत खराब है। मैंने १०८ को फोन लगाया तो कह दिया कि प्राइवेट मेडिकल से दवा ले लो। मेडिीकल खुला नहीं है। यहां आया तो नर्स ने कह दिया कि हम तो डिलेवरी वाले हैं, कोई डॉक्टर नहीं है। यहां से लौट जाओ।
लखन सिंह, मरीज का पति
इनका कहना है -मेरी पत्नी की तबीयत खराब है। मैंने १०८ को फोन लगाया तो कह दिया कि प्राइवेट मेडिकल से दवा ले लो। मेडिीकल खुला नहीं है। यहां आया तो नर्स ने कह दिया कि हम तो डिलेवरी वाले हैं, कोई डॉक्टर नहीं है। यहां से लौट जाओ।
लखन सिंह, मरीज का पति
मेरी आंख में पानी आ रहा है, बार-बार छींकें आ रही हैं, नाक बह रही है। बाजार में कोई प्रायवेट डॉक्टर की दुकान खुली नहीं है। यहां डॉक्टर नहीं है, अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं। बिना इलाज के ही गांव लौटना पड़ेगा।
लक्ष्मी मरीज, डोडियाई
लक्ष्मी मरीज, डोडियाई
मुझे पेट में दर्द है, दस्त लग रहे हैं। बाजार में डॉक्टरों ने कह दिया कि पुलिस ने दुकान खोलने से बंद कर दिया है। यहां आई तो यहां भी कोई डॉक्टर नहीं है, मेडीकल खुले नहीं हैं। समझ नहीं आ रहा करें तो क्या करें।
शिवकुमारी, मरीज, कुल्हाडी