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शिवपुरी

सडक़ के नाम पर किया घोटाला

ग्राम पंचायत देवगढ़ के सरपंच सचिव ने किया 330000 रुपए का घोटाला

शिवपुरीDec 31, 2017 / 03:42 pm

shyamendra parihar

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शिवपुरी/पिछोर. ग्राम पंचायत के विकास के लिए शासन द्वारा दिए जाने वाले बजट को कैसे उनके कर्ताधर्ता ही खुर्दबुर्द कर रहे हैं, इसका उदाहरण पिछोर जनपद की ग्राम पंचायत देवगढ़ में सामने आया है। यहां के सरपंच-सचिव ने लगभग 330000 रुपए की शासकीय राशि को पानी के टैंकर मरम्मत, मुरमीकरण व समतलीकरण, ट्रैक्टर किराया, ट्रैक्टर चालक का वेतन आदि के नाम पर खर्च कर बारे न्यारे किए गए हैं।
एक जांच के बाद फिर दूसरी जांच
पंचायत समन्वयक हरिश्चंद्र सेगार ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि सभी भुगतान फर्जी किए गए हैं, जो भ्रष्टाचार की श्रेणी में आते हैं। इस प्रतिवेदन को कार्रवाई हेतु पिछोर एसडीएम को प्रेषित किया था जिस पर कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई। पहली ही जांच में भ्रष्टाचार सिद्ध पाए जाने के बाद भी जब जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की तो शिकायतकर्ता ने एक बार फिर इस मामले की शिकायत जिला पंचायत में की। तत्पश्चात फिर मामले की जांच जनपद में पदस्थ मौर्य पीसीओ से दिनांक 9 दिसंबर 2017 में कराई गई। इसमें पीसीओ ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि शिकायत की बिंदु क्रमांक 1 से क्रमांक 6 तक मौके पर जाकर जांच की गई और यह पाया गया कि सरपंच सचिव दोनों दोषी हैं। इनके द्वारा की गई अनियमितताएं भ्रष्टाचार की श्रेणी में आती हैं। जो राशि आहरण की गई है वह वसूली योग्य है ग्राम पंचायत देवगढ़ द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की दो दो बार जांच हो गई हैं लेकिन इसके बावजूद भी अभी तक जिला पंचायत द्वारा कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई है इससे यह सिद्ध होता है कि भ्रष्टाचार नीचे से लेकर ऊपर तक फैला हुआ है।
ऐसे हुआ परत दर परत खुलासा
ग्राम पंचायत देवगढ़ में 330000 रुपए की राशि का भ्रष्टाचार की शिकायत 16 मई 2017 को एसडीएम कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में की गई। जिसकी जांच जनपद पिछोर में पदस्थ पंचायत समन्वयक हरिश्चंद्र सेगार ने की। जांच उपरांत सेगार ने अपने जांच प्रतिवेदन में बताया था कि समतलीकरण एवं मुरमीकरण के नाम पर 18 16 00 का आहरण किया गया है लेकिन मौके पर मात्र 5000 का काम होना प्रतीत होता है।
टैंकर मरम्मत के नाम पर 67500 रुपए का आहरण हुआ है लेकिन टैंकर में कोई मरम्मत नहीं की गई। धर्मेंद्र सिंह चौहान के खाते में 40000 रुपऐ डाले गए हैं जबकि धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि उक्त राशि का मेरे द्वारा कोई आहरण नहीं किया गया और न ही मुझे इसकी जानकारी है।
– इसी प्रकार रविंद्र सिंह चौहान को ट्रैक्टर के नाम पर 22500 रुपए खर्च किए गए जबकि इनके पास कोई ट्रैक्टर ही नहीं है।
घनश्याम रजक को 98300 रुपए दिए गए। यह राशि मुरमीकरण में कारीगरी एवं मजदूरी के नाम पर दी गई है जबकि मुरमीकरण में कोई कारीगर की आवश्यकता नहीं होती है। मुरम सीधे ही सडक़ पर डाल दी जाती है।
रामस्वरूप को 60800 रुपए की राशि दी गई है। यह राशि ट्रैक्टर चालक के नाम पर दी गई है जो पूर्णत: असत्य है। क्योंकि ट्रैक्टर चालक को इतनी राशि दिया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत देवगढ़ में किए गए भ्रष्टाचार की जांच एक बार नहीं बल्कि दो बार हो चुकी है और दोनों ही जांच में भ्रष्टाचार प्रमाणित पाया गया है। इस मामले में जल्द ही धारा 40 एवं धारा 92 के प्रकार तैयार कर कार्रवाई के लिए जिला पंचायत कार्यालय को भेजे जाएंगे।
लोकेंद्र नारनोरे, सीईओ जनपद पंचायत पिछोर
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