ऐसे हुआ परत दर परत खुलासा
ग्राम पंचायत देवगढ़ में 330000 रुपए की राशि का भ्रष्टाचार की शिकायत 16 मई 2017 को एसडीएम कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में की गई। जिसकी जांच जनपद पिछोर में पदस्थ पंचायत समन्वयक हरिश्चंद्र सेगार ने की। जांच उपरांत सेगार ने अपने जांच प्रतिवेदन में बताया था कि समतलीकरण एवं मुरमीकरण के नाम पर 18 16 00 का आहरण किया गया है लेकिन मौके पर मात्र 5000 का काम होना प्रतीत होता है।
टैंकर मरम्मत के नाम पर 67500 रुपए का आहरण हुआ है लेकिन टैंकर में कोई मरम्मत नहीं की गई। धर्मेंद्र सिंह चौहान के खाते में 40000 रुपऐ डाले गए हैं जबकि धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि उक्त राशि का मेरे द्वारा कोई आहरण नहीं किया गया और न ही मुझे इसकी जानकारी है।
– इसी प्रकार रविंद्र सिंह चौहान को ट्रैक्टर के नाम पर 22500 रुपए खर्च किए गए जबकि इनके पास कोई ट्रैक्टर ही नहीं है।
घनश्याम रजक को 98300 रुपए दिए गए। यह राशि मुरमीकरण में कारीगरी एवं मजदूरी के नाम पर दी गई है जबकि मुरमीकरण में कोई कारीगर की आवश्यकता नहीं होती है। मुरम सीधे ही सडक़ पर डाल दी जाती है।
रामस्वरूप को 60800 रुपए की राशि दी गई है। यह राशि ट्रैक्टर चालक के नाम पर दी गई है जो पूर्णत: असत्य है। क्योंकि ट्रैक्टर चालक को इतनी राशि दिया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत देवगढ़ में 330000 रुपए की राशि का भ्रष्टाचार की शिकायत 16 मई 2017 को एसडीएम कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में की गई। जिसकी जांच जनपद पिछोर में पदस्थ पंचायत समन्वयक हरिश्चंद्र सेगार ने की। जांच उपरांत सेगार ने अपने जांच प्रतिवेदन में बताया था कि समतलीकरण एवं मुरमीकरण के नाम पर 18 16 00 का आहरण किया गया है लेकिन मौके पर मात्र 5000 का काम होना प्रतीत होता है।
टैंकर मरम्मत के नाम पर 67500 रुपए का आहरण हुआ है लेकिन टैंकर में कोई मरम्मत नहीं की गई। धर्मेंद्र सिंह चौहान के खाते में 40000 रुपऐ डाले गए हैं जबकि धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि उक्त राशि का मेरे द्वारा कोई आहरण नहीं किया गया और न ही मुझे इसकी जानकारी है।
– इसी प्रकार रविंद्र सिंह चौहान को ट्रैक्टर के नाम पर 22500 रुपए खर्च किए गए जबकि इनके पास कोई ट्रैक्टर ही नहीं है।
घनश्याम रजक को 98300 रुपए दिए गए। यह राशि मुरमीकरण में कारीगरी एवं मजदूरी के नाम पर दी गई है जबकि मुरमीकरण में कोई कारीगर की आवश्यकता नहीं होती है। मुरम सीधे ही सडक़ पर डाल दी जाती है।
रामस्वरूप को 60800 रुपए की राशि दी गई है। यह राशि ट्रैक्टर चालक के नाम पर दी गई है जो पूर्णत: असत्य है। क्योंकि ट्रैक्टर चालक को इतनी राशि दिया जाना संभव नहीं है।
ग्राम पंचायत देवगढ़ में किए गए भ्रष्टाचार की जांच एक बार नहीं बल्कि दो बार हो चुकी है और दोनों ही जांच में भ्रष्टाचार प्रमाणित पाया गया है। इस मामले में जल्द ही धारा 40 एवं धारा 92 के प्रकार तैयार कर कार्रवाई के लिए जिला पंचायत कार्यालय को भेजे जाएंगे।
लोकेंद्र नारनोरे, सीईओ जनपद पंचायत पिछोर
लोकेंद्र नारनोरे, सीईओ जनपद पंचायत पिछोर