इन हितग्राहियों ने दिया शपथ पत्र शिवपुरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम गूगरीपुरा में रहने वाली रामबाई पत्नी नवल सिंह पाल, मीना पत्नी बलवीर बघेल, सोमवती पत्नी अजमेर पाल, भगवती पत्नी रामबरन पाल, रेवती पत्नी राजेंद्र बघेल, बुधिया पत्नी भरत, मनीषा पत्नी प्रताप सिंह बघेल, पिस्ता पत्नी उम्मेद पाल, सुशीला पत्नी बृजलाल कुशवाह, रामवती पत्नी रामहेत पाल, ममता पत्नी अतर सिंह कुशवाह, लीला पत्नी राजहंस बघेल, के नाम से बकरा-बकरी के लिए लोन स्वीकृत हुआ है। जबकि उक्त सभी हितग्राहियों ने शपथ पत्र देकर यह कहा है कि हमें न तो बकरा-बकरी मिले और न ही हमें लोन की राशि एक भी धेला मिला है। उक्त हितग्राहियों को वर्ष 2018-19 में बकरी पालन के लिए लोन स्वीकृत हुआ था।
ऐसे किया फर्जीवाड़ा हितग्राहियों ने बताया कि हमने बकरी लोन के लिए फार्म भरा था। उसके बाद पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी ने एक शख्स के हाथ से कमजोर व ऐसी बकरियां भेजीं थीं, जो मरने वाली थीं। हमने उन बकरियों को लेने से मना करते हुए कहा था कि हमें राशि दिलवा दो, हम अपनी पसंद से बकरा-बकरी खरीद लेंगे, जिसमें आप लोग बाद में टेगिंग कर देना। इस पर विभाग के अधिकारी ने हमसे एक फार्म पर अंगूठा व हस्ताक्षर करवा लिए थे। उसके बाद से हम लोन की बात भूल गए, लेकिन कुछ समय पहले हमें पता चला कि हमारे नाम से लोन निकाल लिया गया है।
आरटीआइ में नहीं दे रहे जानकारी शहरवासी प्रकाश सिंह गौर ने पशु चिकित्सा विभाग से बकरी लोन के संंंबंध में जानकारी मांगने के साथ ही यह भी मांगा है कि हमें बकरा-बकरी दिए जाने के बिल-व्हाउचर व टेगिंग नबर की जानकारी मांगी थी, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने दी सफाई उक्त हितग्राहियों के नाम से बकरा-बकरी लोन स्वीकृत हुआ था, कुक्कुट विकास निगम ने 250 बकरी भी भेजी थीं, जिनमें से 100 बकरी ग्रामीणों को छांटनी थी। ग्रामीणों ने कहा कि बकरी तो हम घर की बता देेंगे, हमें पैसा दे दो। जबकि योजना में ऐसा नहीं होता। लोन की राशि बैंक देता है, जबकि सब्सिडी का केस हमारा विभाग बनाता है। हमने कोईसब्सिडी नहीं निकाली।
एमसी तमोरी, उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग शिवपुरी