गौरतलब है कि शिवपुरी विधानसभा में कांग्रेस को सबसे बड़ी 28 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि कोलारस में कांग्रेस 720 वोटों से हारी। बावजूद इसके सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को कोलारस में मिली हार का सबसे अधिक कष्ट है और उन्होंने 7 जनवरी को कोलारस में स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा कि जिन पोलिंग पर हार मिली, उन नेताओं की छंटनी मैं स्वंय करूंगा। इसके अगले दिन यानि मंगलवार को सांसद सिंधिया के दौरा कार्यक्रम में सुबह 9.30 बजे से सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय पर आमजन की सुनवाई होनी थी। शहर की परेशान जनता अपनी-अपनी समस्या लेकर सिंधिया का इंतजार कर रही थी, लेकिन जब सिंधिया आए तो वे एक कमरे में बैठ गए तथा कोलारस विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय कद्दावर नेताओं को एक-एक कर बुलाना शुरू किया। कांग्रेस नेता भरत सिंह चौहान, प्रहलाद यादव, रविंद्र शिवहरे, बंटी रघुवंशी, बैजनाथ सिंह यादव (कांग्रेस जिलाध्यक्ष) सहित अन्य नेताओं की आवाज गेट पर खड़े राजेंद्र शर्मा लगाते रहे और जो भी बंद कमरे में सुनकर आया, उसने बाहर आकर मुहं नहीं खोला। इन सबके बीच सिद्धार्थ लढ़ा को भी सांसद सिंधिया ने कमरे में बुलवाया, लेकिन शिवपुरी विधानसभा के किसी दूसरे कांग्रेस नेता को कमरे में बुलाकर यह नहीं पूछा कि इतनी बड़ी हार शिवपुरी विधानसभा में कैसे और क्यों मिली…?।
इन्हें मिली निराशा
जनसंपर्क कार्यक्रम में सांसद सिंधिया से मिलने के लिए अतिथि शिक्षक व बीएड की परीक्षा की तारीख न आने से परेशान युवा अपने नंबर का इंतजार करते रहे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो सकी और वे निराश लौट गए।
शिवपुरी में रहने वाली विभा शर्मा अपने दिव्यांग बेटे को व्हीलचेयर पर लेकर आईं और आवेदन हाथ में लेकर घंटों तक इंतजार करती रहीं, लेकिन सिंधिया कोलारस के नेताओं से मिलने में व्यस्त रहे। जब मीडिया ने विभा से चर्चा की तो कुछ कांग्रेसियों ने यह मैसेज अंदर कमरे तक पहुंचाया। कुछ देर बाद विभा को सिंधिया ने बुलवाया और उनके बेटे की तकलीफ के संबंध में सिद्धार्थ लढ़ा को जिम्मेदारी दे गए।