मेरी दादी ने भी गिराई थी सरकार
सिंधिया ने कहा, सन 1967 में मेरी दादी ने मप्र में कांगेस की डीपी मिश्रा की सरकर बनाई थी। उस सरकार ने जब जनविरोधी नीतियों पर काम किया तो मेरी दादी ने सड़क पर उतरकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी। भूल गए कांग्रेस के लोग कि यह उसी सिंधिया परिवार का खून है, जो भ्रष्टाचार व जनविरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं करत है और यदि ऐसा होता है तो वो गद्दारों को सबक सिखाता है।
सिंधिया ने कहा, सन 1967 में मेरी दादी ने मप्र में कांगेस की डीपी मिश्रा की सरकर बनाई थी। उस सरकार ने जब जनविरोधी नीतियों पर काम किया तो मेरी दादी ने सड़क पर उतरकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी। भूल गए कांग्रेस के लोग कि यह उसी सिंधिया परिवार का खून है, जो भ्रष्टाचार व जनविरोधी नीतियों को बर्दाश्त नहीं करत है और यदि ऐसा होता है तो वो गद्दारों को सबक सिखाता है।
कन्यादान को बोल गए लाड़ली लक्ष्मी
सिंधिया ने अपने भाषण में कमलनाथ सरकार पर यूं तो बहुत कटाक्ष किए, लेकिन वे कन्यादान योजना को लाड़ली लक्ष्मी योजना बताते हुए बोले कि कांग्रेस सरकार ने वायदा किया था कि 51 हजार रुपए देगे, लेकिन एक धेला भी नहीं दिया। इसी तरह बेरोजगारों को भी रोजगार भत्ता देने का वायदा किया था, परंतु किसी को कुछ नहीं दिया।
सिंधिया ने अपने भाषण में कमलनाथ सरकार पर यूं तो बहुत कटाक्ष किए, लेकिन वे कन्यादान योजना को लाड़ली लक्ष्मी योजना बताते हुए बोले कि कांग्रेस सरकार ने वायदा किया था कि 51 हजार रुपए देगे, लेकिन एक धेला भी नहीं दिया। इसी तरह बेरोजगारों को भी रोजगार भत्ता देने का वायदा किया था, परंतु किसी को कुछ नहीं दिया।
आपके सामने नतमस्तक हूं
उद्बोधन के अंत में ज्योतिरादितय सिंधिया ने छर्च की जनता से कहा कि मैं दोनों हाथ जोड़कर नतमस्तक हूं। आप अपना वोट सुरेश को देना ताकि आपके क्षेत्र में विकास हो सके। आप लोग मुट्ठी बांधकर मेरे साथ संकल्प लो।
उद्बोधन के अंत में ज्योतिरादितय सिंधिया ने छर्च की जनता से कहा कि मैं दोनों हाथ जोड़कर नतमस्तक हूं। आप अपना वोट सुरेश को देना ताकि आपके क्षेत्र में विकास हो सके। आप लोग मुट्ठी बांधकर मेरे साथ संकल्प लो।