परीक्षा पास करने के एक साल बाद भी नहीं आई अंकसूची
छात्र ने लगाई अंकसूची दिलाने की गुहार, ओपन से परीक्षा पास की थी
परीक्षा पास करने के एक साल बाद भी नहीं आई अंकसूची
शिवपुरी. परीक्षा पास करने के एक साल बाद भी अंकसूची नहीं मिलने की शिकायत मंगलवार को जनसुनाई में शहर के आदर्श नगर में रहने वाले छात्र पुनीत पुत्र राजीव नायर ने परिजनों के साथ पहुंचकर की। पुनीत ने बताया कि उसने शहर के स्वामी विवेकानंद स्कूल से ओपन परीक्षा से कक्षा 10 वीं की परीक्षा मार्च 2017 में दी थी। इसका मई-जून में इंटरनेट पर रिजल्ट भी आया, जिसमें मैं पास हो गया। उसके बाद से अभी तक अंकसूची नहीं आई है। इस संबंध में जब स्कूल प्रबंधन से बात की गई तो बताया गया कि अकेले पुनीत की अंकसूची नहीं रूकी बल्कि 2200 से अधिक छात्रों की अंकसूची भोपाल राज्य मुक्त शिक्षा परिषद से रुकी हुई हैं। इधर पीडि़त परिजनों ने शिक्षा विभाग से लेकर कलेक्टर कार्यालय में मामले की शिकायत दर्ज कराते हुए अंकसूची दिलाने की गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी उसकी सुनवाई नहीं की। स्थिति यह है कि कक्षा 11 वीं तो इंटरनेट से निकली अंकसूची की कॉपी के आधार पर पास कर ली लेकिन अब 12 वीं की बोर्डपरीक्षा बिना अंकसूची के कैसे होगी, यह समझ से परे है।
बीफार्माकरने के लिए नहीं मिल रहा लोन
करैरा के सिरसौद में रहने वाले छात्र ऋषभ पुत्र विनोद कुमार गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई कि वह दतिया के रावतपुरा कॉलेज से बीफार्मा की पढ़ाई कर रहा है। उसने पढ़ाई के लिए करैरा की एसबीआई बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन लगाया था, लेकिन बैंक लोन नहीं दे रही है, जिससे उसकी पढ़ाई पर संकटआ गया है।
एक साल से नही मिली अनुकंपा नियुक्ति
शहर में रहने वाली युवती राधिका रघुवंशी ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पिता भोलाराम रघुवंशी की मौत हुए एक साल से अधिक का समय गुजर चुका है।वह जिला पंचायत विभाग में पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत थे। इतना समय निकलने के बाद भी विभाग ने उसको अनुकंपा नियुक्ति प्रदान नही की है।नौकरी न मिलने से परिवार का गुजारा करना काफी मुश्किल हो रहा है।
7 साल से नहीं बना बीपीएल कार्ड
ग्राम चंदनपुरा में रहने वाले युवक अरविंद धाकड़ ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई कि वह भूमिहीन मजदूर है। वह कई बार बीपीएल कार्ड के लिए आवेदन लगा चुका है लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। गांव के सरपंच व सचिव मिलकर उसका कार्ड नहीं बनने दे रहे। ऐसे में वह काफी परेशान है और कार्ड बनवाने के लिए 7 साल से विभागों के चक्कर काटरहा है।