बिजली बिल देख पुलिस कर्मियों के होश उड़े
शहर की पुरानी पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों को जब इस महीने बिजली बिल थमाए गए, तो उनके होश फाख्ता हो गए। क्योंकि उन्हें दो से तीन लाख रुपए तक के बिल इस बार बिजली कंपनी ने दिए हैं।

शिवपुरी. शहर की पुरानी पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिसकर्मियों को जब इस महीने बिजली बिल थमाए गए, तो उनके होश फाख्ता हो गए। क्योंकि उन्हें दो से तीन लाख रुपए तक के बिल इस बार बिजली कंपनी ने दिए हैं। इतना अधिक बिल आने के बाद भी पुलिसकर्मी यह नहीं कह पा रहे कि बिजली कंपनी द्वारा गलत बिल दिया गया, क्योंकि इन पुलिसकर्मियों के परिवार बरसों से बिना बिल जमा किए बिजली का बेरोकटोक उपयोग कर रहे थे।
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर के कुछ ऐसे मौहल्ले हैं, जहां बिजली की खपत तो अंधाधुंध की जाती है, लेकिन उसका बिल नहीं दिया जाता। ऐसे ही मौहल्लों में शामिल है शिवपुरी की पुरानी पुलिस लाइन, जिसमें रहने वाले परिवार बरसों से बिजली का उपयोग तो कर रहे हैं, लेकिन बिल देने की जहमत कभी नहीं उठाई। यही वजह है कि बरसों बाद जब बिजली कंपनी ने बिल थमाए तो उनका माथा घूम गया, क्योकि जिसे भी बिल दिया गया, उसमें हर एक के बिल की राशि लाखों रुपए में थी। चूंकि लंबे समय तक बिल जमा ही नहीं किया, इसलिए पुलिसकर्मी यह भी नहीं कह पा रहे कि बिजली कंपनी ने उन्हें मनमाने अंदाज में बिल दिया है। अब जबकि बिल आ गया है तो इतनी बड़ी राशि वे कैसे जमा करें, यह उनकी समझ से बाहर है।
खपत में नहीं रहे पीछे, अब परेशान
पुरानी पुलिस लाइन में रहने वाले परिवारों ने अभी तक बिजली का उपयोग इस तरह किया, मानों उन्हें कभी बिल जमा नहीं करना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने विद्युत उपकरणों के अलावा हीटर पर खाना बनाने से लेकर पानी गर्म करने की रॉड आदि का भी बेरोकटोक उपयोग किया। जबकि वो लोग जो हर महीने बिजली का बिल देते हैं, वो बिजली की बचत करने पर भी ध्यान देते हैं ं। अब जबकि बिल इतना अधिक आ गया, तो फिर अहसास हो रहा है कि अभी तक जो मजे किए, उसका अब बिल अदा करना पड़ेगा।
मीटर लगाया नहीं, बिल दे दिया
हमें बिजली कंपनी ने 3 लाख रुपए का बिल दिया है। जबकि मंैने छह साल पूर्व नया मीटर लगाने का आवेदन दिया था। क्योंकि मुझसे पहले जो उस क्वार्टर में रहा होगा, उसका बिल मैं जमा क्योंं करता। अब इतना बिल कैसे जमा करें।
जानकी लाल, आरक्षक पुलिस लाइन शिवपुरी
मीटर खराब, आकलित का बिल
मेरा मीटर खराब है और बिजली कंपनी आंकलित खपत का बिल दे रही है। हमें एक साल तक तो बिल ही नहीं दिया गया और अब जब दिया तो पौने दो लाख रुपए का बिल थमा दिया। अब समझ नहीं आ रहा कि इतनी बड़ी बिल की राशि कैसे जमा करें।
धर्मेद्र सेंगर, आरक्षक पुलिस लाइन
पुरानी पुलिस लाइन में जो परिवार बरसों से रह रहे हैं, उन्हें तो पूरा बिल देना ही पड़ेगा। जिन लोगों के क्वार्टर बदले हैं, उनकी जानकारी पुलिस विभाग निकलवा रहा है, कितने समय तक कौन रहा?, उसके अनुरूप बिल की राशि जमा करवाई जाएगी।
पीआर पाराशर, महाप्रबंधक बिजली कंपनी शिवपुरी
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