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बड़ी कार्रवाई: शिवपुरी पुलिस ने 2 करोड़ का भूमि घोटाला पकड़ा

locationशिवपुरीPublished: Sep 20, 2020 10:15:19 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

शासकीय भूमि पर देते थे फर्जी पट्टे, सांठगांठ के चलते रिकॉर्ड में भी कर लेते थे दर्ज।

बड़ी कार्रवाई: शिवपुरी पुलिस ने 2 करोड़ का भूमि घोटाला पकड़ा

बड़ी कार्रवाई: शिवपुरी पुलिस ने 2 करोड़ का भूमि घोटाला पकड़ा

शिवपुरी. जिले के पोहरी व बैराड़ क्षेत्र में शासकीय भूमि पर फजी पट्टे आवंटित करने का एक बड़ा मामला पुलिस ने खोज निकाला। जिसमें अभी तक लगभग 2 करोड़ रुपए कीमत की शासकीय जमीन का सौदा करके लगभग 150 किसानों से ठगी कर चुके हैं। शासकीय दस्तावेजों में हेरफेर करके जमीन मालिक बनाने का खेल यह बरसों से चल रहा था, जिसमें न केवल बैराड़ के दो युवक बल्कि राजस्व विभाग के पांच शासकीय कर्मचारी भी संलिप्त हैं, जिन्हें आरोपी बनाया गया है। इनमें से एक आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया। सीएम के निर्देश के बाद भू-माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक शिवपुरी राजेश सिंह चंदेल के निर्देशन एवं एएसपी गजेंद्र सिंह कंवर के नेतृत्व में शिवपुरी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बीते 16 सितंबर को आवेदक तोमर सिंह धाकड़ ने एक लिखित आवेदन एसडीओपी पोहरी को दिया, जिसकी जांच के प्रथम दृष्टया सरकारी कागजों में हेराफेरी कर शासकीय जमीन के बंदरबांट का मामला पाया गया। जिस पर से थाना पोहरी में अपराध क्रमांक 245/20 धारा 420 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी द्वारा एसडीओपी पोहरी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की गई। एसआईटी द्वारा मूल आरोपी सोनू राठौर को हिरासत में लिया गया उससे पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने सत्यम उर्फ बीनू श्रीवास्तव निवासी बैराड़ के साथ मिलकर सैकड़ों हेक्टेयर शासकीय जमीन के फर्जी पट्टे तैयार किए हैं।
ऐसे तैयार होते थे फर्जी पट्टे
सोनू ने बताया, फर्जी पट्टों के लिए शासकीय रिकॉर्ड तहसील कार्यालय पोहरी के सहायक ग्रेड-3 प्रीतम एवं कैलाश उपलब्ध कराते थे, जबकि बंदोबस्त के समय का अधिकार अभिलेख एवं मूल खसरे कलेक्ट्रेट कार्यालय के रिकॉर्ड शाखा में पदस्थ बाबू प्रताप पुरी एवं जीतू उपलब्ध कराते थे। इन रिपोर्ट के माध्यम से हम धारा 115, 116 के फर्जी आदेश, फर्जी पट्टे तैयार करते थे। सील सिक्के लगाकर फर्जी हस्ताक्षर करते थे, फिर इन आदेशों को बाबू के माध्यम से बैक डेट में दायर रजिस्टर में इंद्राज कराकर खसरों की मूल प्रतियों में लिखते थे और उन्हें रिकॉर्ड रूम में जमा करा देते थे।
सत्यम की गिरफ्तारी, अन्य कर्मचारियों का भी होगा खुलासा
इस पूरे फर्जीवाड़े में कई अन्य पटवारी व कई शासकीय कर्मचारियों के संलिप्त होने की संभावना है, जो कि आरोपी बीनू उर्फ सत्यम श्रीवास्तव के गिरफ्तार होने पर ही खुलासा हो पाएगा। आरोपी सोनू राठौर की निशानदेही पर शिवपुरी के उसके लुधावली के कमरे से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज एवं शासकीय दस्तावेज व फर्जी सीलें जप्त की गई हैं। अब तक की जांच में 147 लोगों को लगभग 250 हेक्टेयर शासकीय जमीन फर्जी पट्टे वितरित कर लगभग 1.5 से 2 करोड़ की राशि ठगी गई है। मामला अभी विवेचनाधीन है।
इस टीम की रही भूमिका
उक्त कार्यवाही में एसआईटी टीम एसडीओपी पोहरी निरंजन सिंह राजपूत, थाना प्रभारी बैराड़ सतीश सिंह चौहान, उनि अरविंद चौहान, योगेंद्र सिंह सेंगर, पूर्णिमा लांबे, थाना बैराड़ से महिला आरक्षक सपना, रामअवतार रावत, सुमित सेंगर एवं थाना पोहरी के आरक्षक राहुल व मुकेश परमार की सराहनीय भूमिका रही।
पांच साल बैठा तहसील के बाहर,फिर कर दिया खेल
बैराड़ थाना प्रभारी सतीश सिंह चौहान ने बताया कि इस पूरे खेल का मुख्य आरोपी सत्यम उर्फ बीनू श्रीवास्तव बीते 5-6 साल से तहसील बैराड़ के बाहर बैठकर लोगों के आवेदन आदि लिखा करता था। वहीं से उसने शासकीय कर्मचारियों के साथ मिलकर पूरा षडय़ंत्र रचा और इतना बड़ा जमीन घोटाला, कर दिया। चौहान ने बताया कि सत्यम के पास पहले कुछ नहीं था, लेकिन अब उसने बरसों से जमीन का यह घोटाला करके ग्वालियर में अच्छा मकान बना लिया।
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