उलझी अध्यक्ष की कुर्सी
ओबीसी महिला के लिए अध्यक्ष की कुर्सी आरक्षित होने के बाद भाजपा ने अपना पूरा जोर वार्ड 10 से चुनाव लड़ रहीं भाजपा प्रत्याशी प्रियंका यादव पर लगाया था। प्रियंका के हारते ही भाजपा का पूरा गणित ही बिगड़ गया। उधर वार्ड 5 ओबीसी मुक्त वार्ड से भी भाजपा प्रत्याशी टक्कर में ही नहीं आ सका तथा यहां से निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष को हरा दिया। जो निर्दलीय प्रत्याशी वार्ड 5 से जीती हैं, उनका परिवार बरसों पुराना कट्टर कांग्रेसी है, लेकिन कांग्रेस से टिकट न मिलने से वो निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत गईं।
यह था वार्डों का गणित
नगर परिषद रन्नौद में वार्ड क्रमांक-1 सामान्य, वार्ड-2 अजा के लिए आरक्षित, वार्ड-3 सामान्य महिला, वार्ड-4 सामान्य, वार्ड-5 ओबीसी मुक्त, वार्ड 6, 7, 8, 9, 11 व 12 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जबकि वार्ड क्रमांक 13, 14 व 15 अजजा वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
ऐसे समझें रन्नौद में अध्यक्ष पद की उलझन
नगर परिषद रन्नौद में अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। यहां के 15 वार्ड में से वार्ड क्रमांक 5 ओबीसी मुक्त तथा वार्ड 10 ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ था। इन दोनों वार्डों में कांग्रेस की महिला प्रत्याशी जीत गईं। वार्ड 10 से भाजपा की प्रियंका यादव व कांग्रेस से भावना केवट चुनाव लड़ीं और भावना ने प्रियंका को 35 वोट से हरा दिया। वहीं ओबीसी मुक्त वार्ड 5 में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ीं हसमत बेगम ने कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष नाथूराम केवट को शिकस्त दे दी। यानि जो दो वार्ड ओबीसी महिला के लिए आरक्षित थे, उन दोनों में कांग्रेस व निर्दलीय ने बाजी मार ली, लेकिन कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है।