शहर में जुलाई माह के 10 दिनों में ही पॉजीटिव की संख्या 146 तपहुंच गई और यह कोरोना विस्फोट शादियों में दी गई छूट का परिणाम है। इन हालातों के लिए प्रशासन जिम्मेदार है, क्योंकि एसडीएम अरविंद वाजपेयी ने अपने दफ्तर में बैठकर शादियों की मंजूरी दी पर जिन शर्तों पर मंजूरी दी गई, यह देखने की जेहमत उन्होंने नहीं उठाई। जबकि कागजों में शादियों की मॉनीटरिंग के लिए पटवारियों सहित नायब तहसीलदारों की भी तैनाती की गई। इस लापरवाही का परिणाम रहा कि 40 की मंजूरी लेकर शादी में आए 400 लोगों की भीड़ में कोरोना का संक्रमण इतना तेजी से फैला कि चंद दिनों में ही कोरोना ने शहर को चपेट में ले लिया। प्रशासन अपनी गलती मानने की बजाए अब शादी की मंजूरी लेने वाले लोगों पर केस दर्ज करवाने शुरू कर दिए। इसके असली गुनाहगार तो वे अधिकारी हैं, जिन्होंने परमीशन देने के बाद धरातल पर वास्तविकता देखने की जहमत नहीं उठाई। खास बात यह है कि शिवपुरी की जिस महिला की कोरोना से मौत हुई है, प्रशासन ने उसके ही पोते पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया।