शिवपुरी. सावधान! आपके बच्चे जिन स्कूल वाहनों में जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश वाहन अनफिट हैं तथा उनके लिए जो भी गाइड लाइन सुप्रीम कोर्ट ने तय की हैं, उन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा। यह खुलासा हुआ है दो दिवसीय स्कूल वाहनों की जांच के बाद। इतना ही नहीं दो दिन चली इस जांच में 32 ऐसे वाहन हैं, जो लाए ही नहीं गए। यानि उन वाहनों की हालत इतनी अधिक खस्ता है कि बस ऑपरेटर व स्कूल संचालकों ने उन्हें जांच अधिकारियों की नजर से छुपाकर ही रख दिया। साथ ही जिन मैजिक व ऑटो में बच्चों को ढोया जा रहा है, उन्हें भी जल्द ही जांच की जद में लेने की बात अधिकारी कर रहे हैं। बुधवार को हुई जांच में 6 बसों की फिटनेस निरस्त की गई, जबकि एक बस पर जुर्माना लगाया गया।
स्कूल बसों की चल रही जांच के दूसरे व आखिरी दिन बुधवार को 17 स्कूल के 82 वाहन लाए जाने थे, जिनमें से महज 66 बसें ही जांच के लिए लाई गईं। बुधवार को हुई जांच में गीता पब्लिक की 2, होलीवुड्स की 2 व आदर्श तथा हैप्पीडेज के एक-एक वाहन की फिटनेस निरस्त की गई। इसके अलावा प्रज्ञा बाल
मंदिर की स्कूल बस की परमिट न होने से उस पर 3 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। दूसरे दिन की जांच में अधिकांश वाहनों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस तो मिले ही नहीं, साथ ही उनमें से कई वाहनों में मायलोमीटर भी नहीं मिला। जब मायलोमीटर ही नहीं होगा तो फिर स्पीड गवर्नर लगाने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता। महत्वपूर्ण बात यह है कि दो दिन में जितने भी वाहन चालक आए, उनके पास पुलिस वेरीफिकेशन ही नहीं मिला। किसी भी वाहन में महिला परिचालक नहीं मिली।
स्पीड गवर्नर के बाद भी बढ़ रही स्पीड
आरटीओ ने जब स्पीड गवर्नर लगे वाहनों में बैठकर स्पीड देखी तो वे तयशुदा स्पीड से भी अधिक में दौड़ते मिले। इन वाहनों में स्पीड गवर्नर सिर्फ दिखावे के लिए लगाए गए, जबकि उनकी वायर आदि को दूर कर दिया गया। वाहन चालकों ने बताया कि वायर लगाने से वाहन बंद होने लगता है, इसलिए हमने वायर निकाल दिया। अधिकांश वाहनों में नियम विरुद्ध काले कांच लगे पाए गए।
नशे की हालत में मिला ड्राइवर
स्कूल वाहनों की जांच कर रहे डीपीसी शिरोमणि दुबे ने बताया कि जांच के दौरान गुरुनानक स्कूल की पांच नंबर बस का ड्राइवर मनीराम केवट, शराब पीकर ही वाहन जांच कराने आया। डीपीसी ने बताया कि स्कूल संचालक ने भरोसा दिलाया कि वो जल्दी ही ड्राइवर को हटा रहे हैं।