शिवपुरी जिले के शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले 2 लाख 28 हजार 175 बच्चों को, दो ड्रेस (लागत 600 रुपए) दी जानी थीं। यह डे्रस वितरण एसआरएलएम (राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के माध्यम से किया जाना था। लेकिन ड्रेस का कपड़ा बेहद घटिया क्वालिटी का मंगवाया गया। चूंकि घोटाला उजागर होने के बाद तत्कालीन कलक्टर शिल्पा गुप्ता व डीपीसी रहे शिरोमणि दुबे आमने-सामने आ गए थे। कलक्टर व डीपीसी के बीच डे्रस घोटाले को लेकर न केवल आरोप-प्रत्यारोप मीडिया की सुर्खियां बने, बल्कि ड्रेस देने वाली फर्म भी स्कूलों में गणवेश उपलब्ध नहीं करा पाई। जिले में हुए गणवेश घोटाले को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने भी न केवल कलेक्ट्रेट के पास धरना दिया, बल्कि इस मामले की जांच कराए जाने के लिए तत्कालीन कलक्टर शिल्पा गुप्ता को ज्ञापन भी सौंपा था।
ऐसे हुआ प्रशासन से पालक संघ का विवाद
मंगलवार की दोपहर लगभग 12 बजे पालक संघ शिवपुरी के अध्यक्ष सत्येंद्र श्रीवास्तव व सचिव अभिनंदन जैन कलेक्ट्रेट पहुंचे तथा आवेदन दिया। जिसमें उल्लेख किया गया कि जिले के शासकीय स्कूलों में बच्चों को दी जाने वाली गणवेश में घोटाला किया गया, जिसकी वजह से बच्चों को अभी तक डे्रस नहीं मिल सकी है। जबकि प्रति छात्र 600 रुपए में गणवेश बनाकर दी जानी थी, लेकिन घोटाला करने वालों ने महज 50 से 100 रुपए की ऊंची-नीची व घटिया कपड़े की डे्रस बनाकर दी गई। जबकि अधिकांश बच्चों को अभी तक ड्रेस नहीं मिली तथा शिक्षण सत्र अब खत्म होने को है। बच्चों को जो बेतरतीब ड्रेस बनाकर दी गई, उसे वापस लिया जाकर उनके खाते में 600 रुपए दिए जाएं। साथ ही घोटाला करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह लोग उस कपड़े को भी साथ लेकर गए, जिससे वो घटिया ड्रेस तैयार की जा रही है। इस पर कलक्टर बोलीं कि यह कपड़ा घटिया है, इसकी क्या कोई लेब टेस्ट रिपोर्ट आपके पास है?। इस पर पालक संघ के पदाधिकारी बोले कि यह जांच तो प्रशासन व शासन करवाए, तथा जिन स्कूलों में यह ड्रेस बंटी है, उन बच्चों से तो पूछ लें कि वो उनके पहनने लायक है या नहीं। इसी कहासुनी के बीच जनसुनवाई में मौजूद पुलिसकर्मियों ने पालक संघ के लोगों को खींचकर बाहर करना शुरू कर दिया। इस बीच जब अभिनंदन ने कलक्टर से कहा कि यह लोग आपके सामने ही हमें धक्के दे रहे हैं, तो कलक्टर बोलीं कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद पुलिसकर्मी धकियाते हुए पालक संघ के पदाधिकारियों को बाहर तक खदेड़ आए। कलक्टर ने कहा कि हम इस कपड़े की लेब में टेस्टिंग करवा लेंगे।
शासकीय स्कूली बच्चों की गणवेश से संबंधित शिकायत लेकर वे लोग आए थे और हमने उनसे कहा भी कि कपड़े की टेस्ट रिपोर्ट मंगवा लेंगे। हमने उन्हें बाहर नहीं करवाया, बल्कि हम तो उनसे बैठकर बात करने के लिए कह रहे थे, लड़ तो वे ही रहे थे, हम नहीं।
अनुग्रहा पी, कलक्टर शिवपुरी
अनुग्रहा पी, कलक्टर शिवपुरी