निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे कर रहे मजदूरी
जूली आदिवासी के यहां दो लड़कियां तथा तीन लडक़े हैं। जूली कहती हैं कि जब वह जिला पंचायत अध्यक्ष बनी तो उसके सभी बच्चों का एडमीशन अधिकारियों ने प्रायवेट स्कूल में करवा दिया था, वह पढऩे जाते थे और उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर भी आता था। आज वही बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। उनका किसी सरकारी स्कूल तक में एडमिशन नहीं है।
जूली आदिवासी के यहां दो लड़कियां तथा तीन लडक़े हैं। जूली कहती हैं कि जब वह जिला पंचायत अध्यक्ष बनी तो उसके सभी बच्चों का एडमीशन अधिकारियों ने प्रायवेट स्कूल में करवा दिया था, वह पढऩे जाते थे और उन्हें पढ़ाने के लिए टीचर भी आता था। आज वही बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। उनका किसी सरकारी स्कूल तक में एडमिशन नहीं है।
यह मामला आपके द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया है। यदि पूर्व जिपं अध्यक्ष की कुटीर में किसी तरह का भ्रष्टाचार हुआ है और उसे राशि नहीं मिली तो शिकायत मिलने पर मैं मामले की जांच करवा कर उचित कार्रवाई करूंगा।
दिनेश शाक्य, जनपद सीईओ
दिनेश शाक्य, जनपद सीईओ