माता-पिता की मौत पर भी नहीं कराया मुंडन
आज जिन अध्यापकों ने मुंडन करवाया है उनमें शामिल मनमोहन जाटव एक ऐसे अध्यापक हैं जिन्होंने न तो अपने पिता की मृत्यु पर केश त्यागे थे और न ही दो माह पूर्व अपनी मां की मौत पर। मनमोहन के अनुसार इसके बावजूद आज वह अपना मुंडन इसलिए करवा रहा है क्योंकि हमारी महिला अध्यापकों को उसके राज में मुंडन कराने और केश त्यागने पर मजबूर होना पड़ रहा है जो खुद को उनका मामा व भाई बताता है। मामा के राज में अगर भांजियों और बहनों को अपने केश त्यागने पड़ें तो, इससे ज्यादा बुरा कुछ और नहीं हो सकता।
आज जिन अध्यापकों ने मुंडन करवाया है उनमें शामिल मनमोहन जाटव एक ऐसे अध्यापक हैं जिन्होंने न तो अपने पिता की मृत्यु पर केश त्यागे थे और न ही दो माह पूर्व अपनी मां की मौत पर। मनमोहन के अनुसार इसके बावजूद आज वह अपना मुंडन इसलिए करवा रहा है क्योंकि हमारी महिला अध्यापकों को उसके राज में मुंडन कराने और केश त्यागने पर मजबूर होना पड़ रहा है जो खुद को उनका मामा व भाई बताता है। मामा के राज में अगर भांजियों और बहनों को अपने केश त्यागने पड़ें तो, इससे ज्यादा बुरा कुछ और नहीं हो सकता।