अस्पताल के बाद पीएम हाउस पर मृतक महेश के भाई व अन्य परिजन राजस्थान शाहबाद से आए और वह भी सीधे पुलिस व प्रशासन से लेकर जेल प्रबंधन के खिलाफअभ्रद भाषा का प्रयोग कर महेश की हत्या के आरोप लगाने लगे। कुछ देर तक तो प्रशासन के अधिकारी यह सब कुछ सुनते रहे, बाद में कोतवाली टीआई से लेकर एसडीओपी व अन्य ने गाली-गलौंच कर रहे शराब के नशे में आए भाइयो को सख्त लहजे में समझाया कि प्रशासन ने उनके आदमी को नहीं मार दिया। अगर वह जबरन की गाली-गलौंच व अभद्रता करेंगे तो पुलिस उनके खिलाफभी कार्रवाई कर सकती है। प्रशासन का सख्त रूप देखते ही अभद्रता कर रहे लोग चुपचाप हो गए। महेश के भाई व मां शव को शाहबाद ले जाना चाहते थे, जबकि महेश की पत्नी व बेटा शिवपुरी में अंतिम संस्कार कराने की बोल रहे थे। बाद में शव को लेकर परिजन शिवपुरी स्थित अपने घर चले गए और पुलिस देखरेख में शव का अंतिम संस्कार शाम करीब 5 बजे हुआ।
यहां बता दें कि तीन दिन पूर्व भी सर्किल जेल में अपने माता-पिता के साथ बंद 7 माह की मासूम परी की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। उसमें भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि आखिर बालिका की मौत कैसे हुई?। बालिका की मां उमा व पिता शंभू लोधी निवासी ठाठी, एक हत्या के मामले में जेल में दो माह से बंद हैं, चूंकि बालिका 7 माह की थी, इसलिए वह अपनी मां के साथ जेल में ही थी। बताया जा रहा है कि तेज सर्दी के बीच कैदियों के लिए जेल में कोई व्यवस्था नहीं है। एक कंबल के भरोसे यह सर्दी कैदी नहीं झेल पा रहे और किसी न किसी की मौत हो रही है। इसके अलावा जेल में बंद कैदियों को काफी यातनाएं भी दी जाती हंै।
– सुबह जब कैदी महेश की हालत बिगड़ी तो उसे हम 5 बजे अस्पताल लाए। यहां पर उसकी मौत हो गई। हमने घटना की सूचना देहात थाने को दे दी थी।
दिलीप सिंह, जेलर, सर्किल जेल शिवपुरी
जेल प्रबंधन एक पॉक्सो एक्ट के आरोपी को अस्पताल लाए थे। यहां पर डॉक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की मजिस्ट्रियल जांच हो रही है। जांच के बाद घटना के कारणों का पता चल पाएगा। परिजनों ने हंगामा करते हुए जो आरोप लगाए है, उनकी भी जांच की जा रही है।
अजय भार्गव, एसडीओपी, शिवपुरी