शहर की विवेकानंद कॉलोनी में किराए के मकान में रहने वाला रोहित (28 ) पुत्र ब्रह्मा श्रीवास्तव, मूलत: ग्राम बेरजा का रहने वाला था। बीती रात लगभग 9.45 बजे पोहरी रोड पर पुलिस लाइन के मोड़ के नजदीक एक अज्ञात वाहन ने स्कूटी सवार रोहित में टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल रोहित को वहां से गुजर रहे एक पुलिस आरक्षक ने अपनी बाइक बिठाया और एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में रोहित को मुंह व चेहरे में गंभीर चोट आई थी, उसे तत्काल ड्रेसिंग रूम में मौजूदा स्टाफ ने मरहम-पट्टी करने के साथ टांके भी लगाए। चूंकि मामला दुर्घटना का था, इसलिए तत्काल कॉल करके सर्जन को बुलाना चाहिए था, लेकिन बुलावा तब भेजा गया, जब मीडिया ने हस्तक्षेप किया। लगभग आधा घंटे का समय गुजर गया, तब सर्जन पहुंच सके, लेकिन तब तक टांके आदि लगाकर पट्टी कर दी गई थी, इसलिए सर्जन ने भी ग्वालियर रैफर का पर्चा ही बनाया। इसके बाद तलाश शुरू हुई उस एंबुलेंस की, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर लगा हो, क्योंकि घायल की हालत लगातार बिगड़ रही थी।
इस दौरान 108 एंबुलेंस को भी कॉल किया गया, लेकिन वो भी उस समय तक नहीं पहुंची। मीडियाकर्मियों ने फिर 108 एंबुलेंस को कॉल करके बुलवाया तो बताया गया कि शिवपुरी की एंबुलेंस नहीं है, इसलिए सुरवाया की भिजवाई जा रही है। लगभग 15 मिनिट बाद 108 भी आ गई और उसमें घायल को शिफ्ट करके ग्वालियर भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। बुधवार की सुबह सूचना मिली कि ग्वालियर में उपचार के दौरान रोहित ने दम तोड़ दिया। इस पूरे घटनाक्रम में मौत भले ही रोहित की हुई है, लेकिन सवाल जिला अस्पताल में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर खड़ा हो गया। यह स्थिति तब है, जबकि मेडिकल कॉलेज के स्टाफ द्वारा भी जिला अस्पताल में सेवाएं देने का दावा किया जा रहा है।