scriptसरपंच और सचिवों का कार्यकाल पांच साल बढ़ाया गया | The tenure of sarpanch and secretaries was extended by five years | Patrika News

सरपंच और सचिवों का कार्यकाल पांच साल बढ़ाया गया

locationशिवपुरीPublished: Apr 06, 2020 08:12:55 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

विभाग के अधिकारियों की मानें तो उक्त पत्र किसी शरारती तत्व ने फर्जी हस्ताक्षर के साथ जारी किया था, जिसके कारण पंचायतों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई थी।

सरपंच और सचिवों का कार्यकाल पांच साल बढ़ाया गया

सरपंच और सचिवों का कार्यकाल पांच साल बढ़ाया गया

शिवपुरी। जिले भर की पंचायतों में दिन भर से हड़कंप की स्थिती बनी हुई है, क्योंकि एक पत्र पंचायत के ग्रुप पर वायरल हुआ है, जिसमें सरपंच और सचिवों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाए जाने का आदेश उपसचिव मध्यप्रदेश शासन के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार 4 अप्रैल को उपसचिव मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग शासन के हस्ताक्षर से एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए प्रदेश कैबिनेट में सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि मप्र शासन राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 94 की उपधारा (3)(ख) के तहत ग्राम पंचायतों के वर्तमान सरपंचों एवं पंचों का कार्यकाल आगामी पांच वर्षों के लिया बढ़ाया जाता है। उक्त आदेश, जब पंचायत सचिवों के पास पहुंचा तो हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। इसी क्रम में एक पंचायत सचिव ने इस पत्र को आज पंचायत सचिवों के गु्रप में डाला, तो हड़कंप की स्थिति बन गई। हालात यह बने कि पंचायत सचिवों ने अधिकारियों को फोन लगाना शुरू कर दिया। अधिकारियों ने भी इस संबंध में भोपाल तक फोन लगा डाले, तब कहीं जाकर पता चला कि उक्त फर्जी पत्र किसी ने शरारतपूर्ण तरीके से जारी किया था। जब इस संबंध में जिले भर की विभिन्न पंचायतों में जानकारी जुटाई गई, तो पता चला कि यह पत्र जिले भर में न जाने कितने ग्रुपों में वायरल हो रहा है।

पूरे मप्र में जारी किया गया पत्र
विभाग के अधिकारियों की मानें तो उक्त पत्र किसी शरारती तत्व ने फर्जी हस्ताक्षर के साथ जारी किया था, जिसके कारण पंचायतों में भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई थी। यह पत्र सिर्फ किसी एक जनपद अथवा जिले में नहीं, बल्कि पूरे मप्र में जारी किया गया था। इस कारण लोगों को परेशानी हुई है। यहां उल्लेख करना होगा कि इससे पूर्व भी हाई व हायर सेकेण्डरी की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर भी भोपाल के अधिकारियों के हस्ताक्षर से फर्जी पत्र जारी किए जा चुके हैं।

पंच सरपंचों को मिली बधाईयां
जब इस पूरे मामले को लेकर जिले भर की विभिन्न पंचायतों के पंच-सरपंचों से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि यह पत्र आज सुबह ही ग्रुपों पर देखा गया है। पत्र देखने के बाद न जाने कितने लोगों ने फोन लगाकर व प्रत्यक्ष रूप से आकर हमें बधाईयां दीं। हमने जब इस पत्र की सच्चाई को पता किया, तो पहले तो अधिकारी ही कुछ नहीं बता पाए, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि ऐसा कोई पत्र भोपाल से जारी नहीं किया गया है।

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